Real Sex Story in Hindi – कुंवारी चाची का सपना हुआ पूरा

रानी भायी- चाची आई
दीपेश 30 साल का एक कुंवारा लड़का है। दीपेश की हाइट 5.5 का फिट और रंग साफ़ है थोडा पतला लड़का है। दीपेश ने एक मोहल्ले के बाहर एक दुकान में अपना जनसेवा केंद्र खोला है, जिसमें वो कंप्युटर वर्क और फोटो कॉपी जैसे काम करता है। इस मोहल्ले में दीपेश का बचपन बीता है इसीलिए वो अधिकतर सबको जानता है। लोग उसके पास आते है और अपना काम करवाते है और दीपेश उचित मेहनत के पैसे उनसे लेता है।
एक दिन एक लगभग 45 साल की
सांवली महिला जो हेल्थ में थोड़ी भरी हुई है लेकिन जिस्म कसा हुआ है और उसकी हाइट लगभग पांच फिट से थोड़ी ही ज्यादा है। वो सांवली महिला है लेकिन देखने में आकर्षक और सेक्सी है और उसने लाल रंग का कसा हुआ सूट पहन रखा है जिसमें उसके मोटी मोटी और कसी हुई चूचियां उभर रही है। उस महिला के साथ उसकी एक लड़की भी आई है, जिसकी उम्र 15 से 16 साल की है और रंग उसका गोरा है और फिगर में पतली और उभरती जवानी है इसीलिए उसके स्तन मीडियम साइज़ के है, हाइट में दीपेश से थोड़ी छोटी है।
दीपेश कई सालों बाद भी उस महिला को पहचान जाता है और बोलता है “चाची आप!!”
महिला उसे पहचान नहीं पाती तो पूछती है “तुम जानते हो मुझे!!”
तो दीपेश अपना और अपने पिताजी का परिचय बताता है तो महिला पहचान जाती है और बोलती है “अच्छा तो तुम उनके लड़के हो!! इतने बड़े हो गए हो! छोटे थे जब देखा था तुमको। और सब कैसे है घर में! तुम्हारी मम्मी तो मिलती रहती है मंदिर में, लेकिन तुमको तो कई सालों बाद देखा है।“
तो दीपेश बोलता है “हां चाची,,, अब तो मिलना जुलना होता रहेगा। और चाचा कहां है!!”
चाची “चाचा तो अभी काम पर गए है, वो ही तो कल रात बता रहे थे कि रानी के स्कॉलरशिप का फॉर्म गुप्ता जी के लड़के की दुकान पर भरवा लियो उसने नई दुकान खोली है। लेकिन मैंने तब ज्यादा ध्यान नहीं दिया कि तुम गुप्ता जी के लड़के हो!”
दीपेश “हां जब दुकान खोली थी तो पिताजी से मिले थे वो तो पिताजी ने बताया होगा उनको। आओ चाची बैठो ना।“
चाची बैठते हुए “लो इसके स्कॉलरशिप का फॉर्म भर दो।‘’
दीपेश रानी की तरफ देखते हुए, उसे रानी एक ही नजर में पसंद आ गई थी और दीपेश रानी से कहता है “आप भी बैठो ना..”
रानी थोड़ा शर्माते हुए कुर्सी पर बैठती है और दीपेश अपनी कंप्युटर की सीट पर बैठता है और बोलता है “लाओ चाची डॉक्यूमेंट्स दो इसके।“
चाची रानी से कहती है पन्नी देने को जिसमें डॉक्यूमेंट्स है, रानी पन्नी में से डॉक्यूमेंट्स निकाल कर दीपेश को देती है। डॉक्यूमेंट्स लेकर दीपेश उनको देखता है और बोलता है “रानी नाम है इनका!!”
चाची “हां”
दीपेश- “आपकी ही लड़की है!!”
चाची “हां, मेरी ही है।‘’
दीपेश रानी के डोक्युमेन्ट्स देखते हुए- “10th में आई है ये!!”
रानी बोलती है- “हां”
दीपेश जल्दी जल्दी अपने कंप्युटर पर रानी का स्कॉलरशिप फॉर्म भरने लगता है, फार्म की डिटेल भरते हुए उसे रानी का नंबर भी मिल जाता है। दीपेश थोड़ी देर में फॉर्म भर देता है और एक प्रिंट निकाल कर रानी को दे देता है।
दीपेश- “लो जी भर गया आपका फॉर्म,, अब इसे स्कूल में जमा कर देना और बाकी स्कूल वाले बताएंगे क्या करना है आगे!”
रानी फॉर्म लेकर बोलती है- “थैंक्स”
दीपेश “अरे,,थैंक्स किस बात का! ये तो मेरा काम है।”
चाची बोलती है- “दीपेश,, कितने पैसे हो गए!!”
तो दीपेश बोलता है- “अरे चाची कैसी बात कर रही हो! ये तो अपने घर का काम है, इसमें भी मैं पैसे लूंगा!!”
चाची- “क्यूं नहीं लोगे!! ये तो काम है तुम्हारा,, बताओ कितने पैसे हो गए!!”
दीपेश- “चाची कुछ नहीं,,, बस एक चाय पिला देना जब घर आऊं आपके!”
चाची- “हां घर तो तुमको आना ही पड़ेगा,, चाय क्या तुम जो कहोगे वो खिलाऊंगी..।“
दीपेश- “ठीक है चाची, जरूर आऊंगा,,।‘’
फिर रानी से बोलता है दीपेश- “और कैसी चल रही है तुम्हारी पढाई!!”
रानी- “ठीक चल रही है।‘’
चाची बोल पड़ती है फिर- “पढाई क्या,, ये तो बस मोबाइल में लगी रहती है।“
दीपेश- “अच्छा,,, इंस्टाग्राम चलाती होगी!!”
रानी केवल मुस्कुराती है और चाची बोलती है- “पता नहीं क्या-क्या चलती है! हम तो परेशान है इस मोबाइल से।“
दीपेश- “अब चाची मोबाइल है तो बच्चे चलाएंगे ही,, तुम नहीं रोक पाओगी!!”
फिर रानी से- “मेरा नंबर सेव कर लो कुछ भी काम हो आ जाना, मेरे पास तो आ गया है तुम्हारा नंबर।“
चाची- “हां हां, रानी नंबर सेव कर ले इनका,,”
दीपेश नंबर बोलता है और रानी नंबर सेव कर लेती है।
चाची- “ठीक है तो अब हम चलते है,, और घर जरूर आना।“
दीपेश- “हां बिल्कुल चाची,,, अब तो आना जाना रहेगा ही।“
चाची और रानी दुकान से बाहर चली जाती है और दीपेश अपने मोबाइल देखते हुए अपनी सीट पर बैठ जाता है।
-*****-
दीपेश के पास जब भी चाची आती थी तो वो रानी को साथ लाती थी, काम रानी का ही होता था, कभी फोटो स्टेट करवाना कभी मोबाइल में कोई सेटिंग करवाना,, कभी कोई प्रिंट निकलवाना,, दीपेश इन सबके पैसे नहीं लेता था लेकिन कई बार चाची जबरजस्ती पैसे दे कर ही चली जाती थी।
दीपेश ने इंस्टाग्राम पर रानी को बहुत ढूंढा लेकिन उसे उसकी प्रोफाइल नहीं मिलती थी, व्हाट्सएप पर भी स्टेटस बहुत कम लगाती थी वो,, शायद घर वालो की सख्ती के कारण!
दीपेश चाहता था कि रानी किसी दिन अकेली आए, लेकिन वो अपनी मम्मी के साथ ही आती थी,, दीपेश रानी और चाची से मजाक भी बहुत करता था,, कभी कभी उनके घर भी जाता था,, लेकिन वो रानी से अकेले में बात करना चाहता था।
एक दिन दीपेश को इंस्टाग्राम पर एक फॉलो रिक्वेस्ट आई सुष्मिता के नाम से, उसने DP देखी तो उसमें चाची और चाचा की फोटो थी, दीपेश ने एक्सेप्ट कर ली और वापस रिक्वेस्ट भी भेज दी। अब उसने प्रोफाइल देखी तो केवल कुछ परिवार की फोटो थी और उसमें एक फोटो रानी की भी थी। उसमें वो छोटी थी थोड़ी, यानी पुरानी पुरानी फोटो थी।
दीपेश को लगा कि अब रानी की प्रोफाइल मिल जाएगी, तो उसने चाची की id के फॉलोवर्स और फॉलोविंग की लिस्ट चेक करी ,, उसे रानी कहीं नहीं मिली। क्योंकि अधिक लोगों को जोड़ ही नहीं रखा था तो अधिक समय दीपेश को लगा नहीं चेक करने में ।
दीपेश को रानी की प्रोफाइल तो नहीं मिली लेकिन फॉलो रिक्वेस्ट का नोटिफिकेश आया, जिसमें सुष्मिता चाची की id के उसकी रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली गई थी।
फिर दीपेश के पास इंस्टाग्राम पर मैसेज आता है, सुष्मिता की id से जिसमें लिखा था “हेलो”
दीपेश ने रिप्लाई किया- “Hii”
सुष्मिता चाची की id से रिप्लाई आया- “क्या कर रहे हो!”
तो दीपेश ने लिखा- “रानी!!”
वहां से रिप्लाई आया- “हां।“
फिर रिप्लाई आया- “तुमको कैसे पता चला!!”
तो दीपेश ने लिखा- “क्योंकि तुम्हारी मम्मी इंस्टाग्राम नहीं चलाती, ना उनको मोबाइल ज्यादा चलाना आता।“
तो रानी रिप्लाई करती है- “अच्छा जी”
दीपेश ने लिखा- “हां जी”
रानी का रिप्लाई आता है- “क्या कर रहे हो!”
दीपेश- “कुछ नहीं बैठा हूं दुकान पर”
रानी- “तो अपनी गर्लफ्रेंड से ही बात कर लो।‘’
दीपेश सकपकाया और उसे लगा कि भाई मौका दे रही है ये तो
तो उसने उत्साह से जवाब दिया- “अरे,, कहां है हमारी गर्लफ्रेंड! हम तो अकेले है।‘’
रानी लिखती है- “अच्छा!! तो बना लो कोई!”
दीपेश का उत्साह अब बढ़ता जा रहा है और वो उसाह में रिप्लाई करता है मोबाइल पर टाइप करते हुए- “तुम बनवा दो कोई!!”
रानी का जवाब आता है- “मैं कहां से बनवा दूं!!”
दीपेश लिखता है- “तुम्हारी पहचान में हो कोई लड़की या तुम्हारी कोई फ्रेंड हो!”
रानी का रिप्लाई आया- “सबके है ब्वॉयफ्रेंड, कोई सिंगल नहीं है।“
दीपेश फिर हिम्मत करके लिखता है उसका दिल धड़कने लगता है, वो रिप्लाई करते हुए गलत टाइप कर रहा है नर्वस में उसके हाँथ हलके से डगमगा रहे है, और बार बार एडिट कर रहा है, और फिर वो रिप्लाई भेजता है रानी को- “तो तुम बन जाओ मेरी गर्लफ्रेंड!”
रिप्लाई करने के बाद दीपेश अब रानी के जवाब आने के बारे में सोच रहा है और वो नर्वस भी हो रहा है, सोच रहा है की पता नहीं क्या जवाब आएगा!! इसीलिए उसकी धड़कने भी बढ़ी हुई है,, रानी का जवाब आने में थोड़ा समय लगता है, और रानी का रिप्लाई आता है- “अच्छा जी!! लेकिन मेरा तो बॉयफ्रेंड है।“
दीपेश का दिल एक झटके में टूट जाता है और नीरस हो जाता है- “अच्छा कहां का है! क्या नाम है!!”
रानी- “मम्मी से मत कहना कुछ भी और सारी चैट भी डिलीट कर देना।‘’
दीपेश टूटे दिल से लिखता है– “ठीक है, लेकिन अपने बॉयफ्रेंड के बारे में तो बताओ!!”
लेकिन रानी चैट छोड़ चुकी है और दीपेश का आखिरी मैसेज सीन नहीं हुआ है और ऑफलाइन हो चुकी है रानी।
दीपेश का ये सपना भी धरा रह गया,, वो मन ही मन बोलता है- “सारी की सारी लौंडियाँ भरी पड़ी है,, साली कोई मिल ही नहीं रही??”
दीपेश के पास अलग अलग काम के लिए ग्राहक आ रहे है, लेकिन उसका मन नहीं लग रहा काम में।
-*****-
अगले दिन रानी की मम्मी दीपेश की दुकान पर अकेली आई किसी काम से, उसने नीली साड़ी पहनी हुई है और ब्लैक ब्लाउज पहन रखा है जिसमे उसके दोनों सामान आधे दिख रहे है
दीपेश चची को दूकान में आते देख बोला- “आओ चाची,, कैसी हो!!”
चाची दीपेश के पास वाली कुर्सी पर बैठती हुई- “ठीक है,, तुम बताओ!”
दीपेश- “ठीक है हम भी,, और, रानी नहीं आई आज साथ में !!”
चाची- “स्कूल गई है वो तो।‘’
दीपेश- “अच्छा,,, और ध्यान रखा करो उसका,, ज़माना खराब है आजकल।“
चाची- “हां, ध्यान तो पूरा रखते है उसका,, लेकिन बच्चे सुनते कहां है आज कल!”
दीपेश- “चाची,, अपने तो रानी को गोद लिया था ना!!”
चाची- “हां,, तुम मोहल्ले में ही तो रहते थे तब, जब गोद लिया था इसे।“
दीपेश- “हां,, ध्यान है मुझे जब हम छोटे थे, लेकिन मैं तो बस कन्फर्म कर रहा था।“
चाची- “उस टाइम तो अखबार में भी आई थी, जब ये लड़की हम थाने से लेकर आए थे।“
दीपेश- “तो चाची, रानी को तो पता होगा कि तुमने उसे गोद लिया है!”
चाची- “जब पूरे मोहल्ले को पता है तो उससे ये बात कैसे छिप सकती है!!”
दीपेश- “हां तुमने ना बताई होगी तो, मोहल्ले वालों ने तो बताई दी होगी!”
चाची- “मोहल्ले वाले तो एक नम्बर के कमीनें है, वो चुप कैसे रह सकते है!!”
दीपेश- “हां वो तो है,, वैसे चाची आपके बालक क्यूं नहीं हुआ!!”
दीपेश ने चाची की दुखती राग पर हाथ रख दिया था,,चाची थोड़ा रुकती है फिर बोलती है- “बस भगवान को स्वीकार नहीं था।“
दीपेश- “चाची इलाज करवा लेती!”
चाची हंसती है मंद मंद, लेकिन दिल में दर्द है एक जो झलक रहा है- “इलाज के लिए कोई कमी भी तो होनी चाहिए!!”
दीपेश थोडा आश्चर्य में- “चाची,, तो क्या चाचा में कमी थी!!”
चाची- “पता नहीं??”
दीपेश- “क्या!! पता नहीं!! अरे चाची तुममें कमी थी कि चाचा में कुछ पता होगा तुमको!!”
चाची- “कमी का पता कैसे चलता है, तुम बताओ!!”
दीपेश सकपकाया थोड़ा की बात खुलतम होगी ऐसे तो- “अरे चाची, जब बच्चा नहीं होता तो, पति पत्नी डॉक्टर के पास जाते है,, फिर डॉक्टर टेस्ट कर के कमी बताते है और फिर उपचार करता है।“
चाची अपने माथे पर हाथ रख कर- “अरे,, बच्चे कैसे होते है!! तुम बताओ।“
दीपेश सुन्न हो जाता है उसकी जुबान थोड़ी लड़खड़ाती है- “चाची वो तो जैसे होते है सबको पता है।“
चाची दीपेश को रिलेक्स करने की कोशिश करती हुई- “अरे बताओ ना शरमाओ मत, तुम्हारी भी तो शादी होगी, इतने बड़े जो हो गए हो।“
दीपेश शरमाते हुए मंदी आवाज में- “चाची सेक्स से होते है बच्चे।“
चाची- “और अगर सेक्स ना किया जाए तो बच्चे हो जाएंगे!! या बिना किये ही इलाज कराने जाएंगे!!”
दीपेश कुछ समझने के कोशिश कर रहा है- “चाची,,, चाचा ने आपके साथ किया नहीं क्या!!”
चाची- “हां,, आज तक नहीं किया।“
दीपेश आश्चर्य से- “चाची,,, कहीं चाचा का समान खराब तो नहीं!!”
चाची- “पता नहीं,, कच्छे में ही देखा है उनका सामान जब वो नहा कर आते है। लेकिन मैने सुना हैं उनका किसी दूसरी लुगाई से चक्कर था, मेरी शादी से पहले, और उससे वो बहुत प्यार करते थे।
दीपेश- “अरे चाची समान में जान नहीं होगी उनके,, वर्ना कितने भी चक्कर हो पुरुष नई-नई लड़की छोड़ता नहीं। उनका सामान ही फुस्स होगा !“
चाची- “क्या पता!!”
दीपेश अब खुलकर बोलने लगता है- “चाची,, चाचा ने अपने साथ एक बार भी सेक्स नहीं किया!!”
अब दीपेश को बात करने में मजा आ रहा है।
चाची मुंह बना कर- “बताया तो, उनका कच्छे में ही देखा है बस।‘’
दीपेश और खुलकर चची की आँखों में देख कर बोलता है- “तो चाची,, अपने चक्कर नहीं चलाया कहीं और!!”
चाची नजर नीची करके- “नहीं।“
दीपेश- “शादी से पहले कोई चक्कर था आपका!”
चाची- “जवान होते ही तो शादी कर दी, चक्कर कैसे चलता!!”
दीपेश- “तो चाची अपने चाचा से कभी पूछा नहीं!!”
चाची- “वो तो बहुत गुस्से वाले है, मेरी हिम्मत ही नहीं हुई!!”
दीपेश- “आपके घरवालों को पता है ये बात कि चाचा करते नहीं जुगाड़ इसीलिए बच्चे नहीं हुए तुम्हारे!“
चाची- “नहीं, बस कह दिया था कि हो नहीं रहा इलाज से भी।“
दीपेश- “तुम्हारे अलावा पता है किसी और को, चाचा के बारे में!”
चाची- “किसी को नहीं तुम्हारे अलावा,,, सबको ये ही लगता है कि मेरे में ही कमी है। (चाची को आंखे थोड़ी नम हो जाती है)
दीपेश चाची के कंधे पर हाथ रख कर सँभालते हुए पूछता है- “चाची,,, इसका मतलब तुम अभी तक भी कुंवारी हो!!”
चाची दीपेश के चेहरे की तरफ देखती है फिर हाँ में सर हिलती हुई बोलती है- “हां,,,”
दीपेश के मन में अब चाची घर कर गई है,, उसे अब चाची आकर्षित करने लगी है।
तभी कोई और ग्राहक दुकान पर आ जाता है, और दीपेश उसका काम करने लगता है। चाची उठने लगती है तो दीपेश बोल पड़ता है “चाची कहां जा रही हो!”
चाची- “तुम काम करो मैं बाद में आती हूं।“
दीपेश बुझे मन से- “ठीक है चाची,, बाकी मैं फोन कर लूंगा।“
चाची कुछ नहीं बोलती और दुकान से चली जाती है।
दीपेश के पास से चाची को गए एक घंटा हो गया है,, दीपेश दुकान पर खाली बैठा चाची के बारे में सोच रहा है, अब वो रानी को भूल गया है अपने मन में ही बाते कर रहा है “यार चाची तो बिल्कुल कोरी है,, उसकी तो सील भी नहीं टूटी! मजा आएगा अगर मिल जाए चाची की तो,,!! फंस कर जाएगा चाची की में या नहीं!! चाची की में जब डालूंगा तो खून निकलेगा की नहीं!! यार चाची सेट हो जाए बस, फिर देखूंगा कैसी होती है ज्यादा उम्र की महिला की चूत! चाची सांवली तो है पर लगती बढ़िया है जो बात है,, 45 की हो गई लेकिन लगती 35 की ही है,, यार उसने मुझे ही ऐसी बाते बताई! तो मना तो वो करे नहीं अगर मैं उससे कहूं!! यार धीरे से लेना पड़ेगा उसे बोतल में,, कभी मना कर दिया तो इज्जत का फालूदा बन जाएगा। चल फोन करूं चाची के नंबर पर! रानी स्कूल में होगी! और चाचा अपने काम पर गया होगा! चल करके देखता हूं।“
दीपेश अपनी जेब से मोबाइल निकलता है और चाची का नंबर मिलाता है।
उधर से चाची फोन उठा लेती है और बोलती है- “हेलो,,”
दीपेश जवाब देता है– “चाची क्या कर रही हो!!”
चाची बोलती है- “अरे बोलो दीपेश,,, कैसे फोन किया!”
दीपेश- “चाची,, काम से ही कर सके क्या आपको फोन!! ऐसे ही बात करने के लिए नहीं कर सकते!!”
चाची- “हां-हां क्यूं नहीं कर सकते!! और सुनाओ!!”
दीपेश- “बस कुछ नहीं खाली बैठा था, सोचा आपको ही फोन कर लूं।‘’
चाची- “अच्छा किया,, मैं भी अभी अभी खाना बना कर खाली हुई हूं।‘’
दीपेश- “रानी कब आती है स्कूल से,,!”
चाची- “2 बजे आएगी अभी तो एक घंटा है पूरा।, और बताओ तुम कुछ अपने बारे में!”
दीपेश- “अपने बारे में क्या मैने तो आपके बारे में जानने के लिए फोन किया है, बात अधूरी रह गई थी सुबह की,,।‘’
चाची- “अच्छा क्या जानना है तुमको!! सब बता तो दिया।‘’
दीपेश- “हां बता तो दिया आपने लेकिन बाते तो बहुत होती है,, जो खत्म नहीं होती।“
चाची- “हां बाते तो खत्म नहीं होती,, बताओ और क्या जानना है तुमको!!”
दीपेश- “चाची आपकी जिंदगी भी रसहीन रही,, कोई मजा नहीं कर पाई जवानी का!”
चाची- “कैसे करती!! तुम्हारे चाचा मजा देने वाले कहां निकले!!”
दीपेश- “तो चाची आप ने शादी के बाद कोई पसंद नहीं किया, किसी से चक्कर नहीं चलाया!”
चाची- “नहीं, हिम्मत ही नहीं हुई।“
दीपेश- “अपने देवर से चला लेती चक्कर!”
चाची- “देवर सब बाहर रहते है और मुझे पसंद भी नहीं है।‘’
दीपेश- “अच्छा,, तो, चाची आपका मन नहीं किया कभी की किसी के साथ करने का!!”
चाची- “तुमको क्या लगता है!!”
दीपेश- “मुझे तो लगता है,, की,, करता होगा आपका मन,,,।“
चाची- “तुम कितने साल के हो!!”
दीपेश- “30 साल का।‘’
चाची- “तुमने किया है कभी किसी के साथ!!”
दीपेश थोड़ा सकपका कर- “नहीं अभी तक तो नहीं।‘’
चाची- “तो मन नहीं करता तुम्हारा!!”
दीपेश- “हां करता तो है।“
चाची- “तो फिर,,! हम भी तो तुम्हारी ही तरह है,, लेडीज है तो क्या मन नहीं करता हमारा!! भरी जवानी में शादी हो गई,,, तो जवानी में तो ज्यादा करता है,, उत्सुकता रहती है कि कैसे होगा! क्या होगा!! लेकिन अब तो जवानी भी खत्म हो गई।“
दीपेश- “तो चाची आपकी उम्र कितनी है!!”
चाची कटाक्ष करती हुई “लेडीज से उम्र नहीं पूछते,, पता नहीं क्या तुमको !”
दीपेश- “बस ऐसे ही पूछ रहा था।,”
चाची- “20 की उम्र में शादी हो गई और 26 साल शादी को हो गए,, अब लगा लो उम्र का हिसाब।“
दीपेश- “तो इसका मतलब अभी भी जवानी की उम्र बाकी है आपकी!”
चाची- “अच्छा जी।“
दीपेश- “हां जी,, चाची एक बात पूछूं आपसे! बुरा तो नहीं मानोगी!!”
चाची- “पहले पूछो फिर बताऊंगी!!”
दीपेश- “बुरा मानोगी इसका मतलब आप!! छोड़ो मैं नहीं पूछता।‘’
चाची- “अरे नहीं मानूंगी,, पूछो तुम बेझिझक।‘’
दीपेश- “पक्का!!”
चाची- “हां पक्का।“
दीपेश- “चाची तुम्हारा अब भी करता है मन!!”
चाची- “किस चीज का!!”
दीपेश आराम से सांसों की आवाज में- “उसका ही,,”
चाची- “उसका किसका!! खुलकर बताओ,,”
दीपेश का दिल जोर से धड़कने लगता है और उसका लंड जोर मारने लगता है और बड़े ही आराम से पूछता है- “सेक्स करने का।“
चाची कुछ देर शांत हो जाती है और फिर जब दीपेश बोलता है- “हेलो चाची..!’’
तो चाची जवाब देती है- “क्यूं क्या करोगे जान कर!!”
दीपेश बोलता है- “ऐसे ही,, आप कह रही थी ना कि आपका भी मन करता था,, तो अब करता है क्या नहीं बस ये ही जानना था।“
चाची- “ऐसे ही जानना है तो क्यूं जानना है तुमको!!”
दीपेश- “बस ऐसे ही की अभी भी जवानी है तो क्या पता करता हो मन!! नहीं करता तो ढल गई फिर जवानी आपकी!”
चाची थोडा रुक कर सांसो में- “हां करता है,, अब बताओ तुमको क्या लगता है ! है जवानी या खत्म हो गई!!”
दीपेश का लंड खड़ा हो चुका है फोन पर बात करते करते- “अगर करता है तो जवानी है अभी।“
चाची- “बस या और भी कुछ पूछना है!”
दीपेश- “हां एक बात और..।“
चाची- “क्या!”
दीपेश- “ज्यादा करता है या कम!!”
चाची- “ये कैसा सवाल है!!”
दीपेश- “सही सवाल है,,, बताओ ना!” (रोमेंटिक सा हो कर)
चाची- “मुझे नहीं पता।‘’
दीपेश- “चाची ऐसे कैसे तुमको अपने ही मन की नहीं पता!?”
चाची- “तुम क्यूं जानना चाहते हो ये सब!!”
दीपेश- “पहले बताओ फिर बताऊंगा।‘’
चाची- “हां कभी-कभी ज्यादा करता है कभी-कभी बिल्कुल भी नहीं करता।“
दीपेश हवस से सराबोर होकर- “अब क्या कर रहा है मन! ज्यादा या कम या बिल्कुल भी नहीं!?”
चाची प्यार से झल्लाते हुए- “मुझे ना पता,,, तुम तो सवाल पर सवाल पूछे जा रहे हो और बता भी नहीं रहे क्यूं जानना है तुमको,, मै रख रही हूं फोन।“
दीपेश- “अरे नहीं-नहीं चाची फोन क्यूं रखना है,,!!’’
चाची- “तो बताओ क्यूं जानना है तुमको!!”
दीपेश घबराते हुए- “वो चाची बात ऐसी है कि,,,’’(चुप हो जाता है)
चाची- “हां हां बोलो,, बताओ मुझे!”
दीपेश- “बुरा तो नहीं मानोगी!!”
चाची- “बता रहे हो या,,!”
दीपेश- “हां हां बताता हूं-बताता हूँ,,, चाची तुम्हारा भी मन करता है और मेरा भी तो तुम मेरी दोस्त बन जाओ!”
चाची- “इतनी बाते कर ली पर्सनल और अब भी दोस्त ही बनाना है!!”
दीपेश का अब दिल और जोर से धड़कने लगता है और उसे मामला सेट होता लग रहा है- “तो चाची गर्लफ्रेंड बन जाओ?”
चाची भी सीधा जवाब ना दे कर खींचाई कर रही है बोलती है- “क्या करोगे मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बना कर!!”
दीपेश- “अपने-अपने मन को शांत करेंगे दोनों।‘’
चाची- “गर्लफ्रेंड बना कर ही मन शांत होगा!!”
दीपेश- “चाची पहले तो गर्लफ्रेंड ही बनोगी ना!”
चाची- “लो बन गई गर्लफ्रेंड,, अब बताओ!”
दीपेश- “पक्का या मजाक कर रही हो!! (डरते हुए)
चाची- “पक्का।“
दीपेश- “तो दुकान पर आ जाओ फिर,, मुझे कन्फर्म करना है।“
चाची- “कैसे करोगे कन्फर्म!!”
दीपेश- “तुम्हारे होंठो को चूम कर।“
चाची- “अच्छा जी,, फिर कन्फर्म हो जाएगा!!”
दीपेश- “हां हो जाएगा!”
चाची- “उसके बाद क्या करोगे!!”
दीपेश- “उसके बाद वहीं जो तुमने और मैने आज तक नहीं किया!!”
चाची- “अच्छा जी,, बड़े तेज हो तुम तो! चाची को ही फंसा लिया!”
दीपेश उत्साह में- “अब तो चाची फैंस गई भतीजे से या नहीं!!”
चाची- “हां फंस तो गई।“
दीपेश- “तो चाची आ जाओ दुकान पर।‘’
चाची- “अब भी चाची ही कहोगे!!”
दीपेश- “तो क्या बोलूं डार्लिंग या जानेमन!!”
चाची- “अब तो गर्लफ्रेंड बन गई मैं तुम्हारी तो चाची ना बोल कर कुछ भी बोलो,, बल्कि मेरा नाम लो अब तो।“
दीपेश- “ठीक मेरी सुष्मिता डार्लिंग।‘’
चाची- “ओहो मेरी जान क्या बात बड़े ही रोमेंटिक हो रहे हो!!”
दीपेश- “रोमेंटिक तो तुमने कर दिया मुझे।‘’
चाची- “अच्छा जी,, कैसे!!”
दीपेश- ”बस कर दिया, आ जाओ एक बार मेरे पास, फिर बताऊंगा।“
चाची- “कैसे बताओगे!!”
दीपेश- “तुम्हे अपनी बांहों में कस कर,, होंठों से तुम्हारे होंठो को चूम कर बताऊंगा।‘’
चाची- “अच्छा जी,, मैं तो तुमको सीधा समझती थी, लेकिन तुम तो बड़े तेज निकले!”
दीपेश- “अगर तेज नहीं होता तो तुमको मेरे जैसा जवान लड़का कैसे मिलता!!”
चाची- “ये भी है,, और मैं कैसे मिलती तुमको!!”
दीपेश- “अब आ रही हो या नहीं!!”
चाची- “जानू, अभी तो रानी के आने का टाइम हो रहा है,, और दुकान पे आना अच्छा नहीं होगा,, तुम एक काम करो कल मेरे घर पर आ जाओ सुबह 10 बजे,, घर पर कोई भी नहीं होता है,, रानी भी नहीं और रानी के पापा भी नहीं,, फिर आराम से बाते करेंगे।‘’
दीपेश- “सिर्फ बाते ही करोगी!!”
चाची- “आ तो जाओ फिर देखेंगे।“
दीपेश- “देखोगी ही या दिखाओगी भी !!”
चाची- “हट पागल।“
दीपेश तुरंत ही जवाब देता है- “कर दिया तुमने।“
चाची हंसती हुई- “अच्छा जी,, मैने करा तुमको पागल!!”
दीपेश- “और क्या!”
चाची- “अच्छा,, एक बात बताओ अगर मैं कुंवारी नहीं होती तो भी तुम मुझसे ऐसे ही बात करते!!”
दीपेश- “वो तो तुम्हारे ऊपर होता कि अगर तुमको चाचा मजा दे देते तो शायद तुम मेरी इच्छा होते हुए भी मुझसे नहीं फंसती।‘’
चाची- “अच्छा जी,, बड़ा पता है तुमको!!”
दीपेश- “हां ऐसा हो सकता था,, या नहीं भी,,,’’
चाची- “और अगर तुम्हारे चाचा ने मेरे साथ किया होता और मैं तुमको पसंद करती तो भी तुम मुझसे प्यार कर लेते!”
दीपेश- “हां बिल्कुल कर लेता, क्योंकि तुम भी तो करना चाहती फिर!”
चाची- “अच्छा जी,,!”
दीपेश- “हां जी,,”
चाची के घर की घंटी बजती है तो चाची फोन पर बोलती है- “सुनो,, जान, लगता है रानी आ गई स्कूल से, मैं बाद में बात करती हूं।‘’
दीपेश- “ठीक है डार्लिंग,, जब फ्री हो जाओ तो मुझे फोन जरूर कर लेना।“
चाची- “ठीक है,,” पप्पी देते हुए फोन पर काट देती है।
फोन कटने के बाद दीपेश मोबाइल जेब में रखता है,, उसके चेहरे पर अलग ही खुशी है,, वो मुस्कुरा रहा है अपने आप में ही,, उसका लंड खड़ा है अभी भी,, वो सपने देख रहा है कुर्सी पर बैठे हुए खुली आंखों से,,, वो चाची के साथ खुद को देख रहा है बेड पर प्यार करते हुए, मानो उसे कोई बहुत कीमती चीज मिल गई हो!!
फिर दीपेश को कुछ याद आता है और वो अपना मोबाइल जेब से निकालता है और अपने दोस्त को फोन मिलाता है जो मेडिकल स्टोर पर दवाइयां सप्लाई करता है।
वहां से फोन उठता है- “हेलो..’’
दीपेश मोबाइल पर बोलता है- “भाई लोकेश क्या हाल है!”
लोकेश- “बढ़िया भाई,, कैसे याद किया!!”
दीपेश- “यार एक काम था तेरे से।“
लोकेश- “हां बोल भाई।‘’
दीपेश- “यार मुझे जुगाड वाली कोई गोली और कंडोम चाहिए बढ़िया सा कंपनी का।‘’
लोकेश- “भाई शादी हो गई क्या तेरी! और दावत भी नहीं दी!”
दीपेश- “अरे नहीं यार,, सेटिंग है एक,, जाना है उससे मिलने।‘’
लोकेश- “मिलने ही जाना हैं तो कंडोम और गोली की क्या जरूरत?”
दीपेश- “यार मजाक मत कर,, मुझे ला कर दे बढ़िया सी गोली जिससे झड़े ना जल्दी और कंडोम भी कांटे वाला हो।“
लोकेश हंसता हुआ- “अबे गोली की जरूरत पड़ने लगी तुझे भी! जान नहीं रही!!”
दीपेश- “तेरी गांड़ मारने में जरूरत नहीं पड़ेगी भोंसड़ी के,, चूत मारने में तो जरूरत पड़ेगी।‘’
लोकेश हंसता हुआ- “भाई तुम मुट्ठी मार मार कर बेकार हो गए हो ऐसा लगता है!”
दीपेश- “यार मजाक मत कर सीरियस मामला है,, तू मुझे आज ही लाकर दे शाम तक।‘’
लोकेश- “सामने वाली पार्टी कैसी है! सील पेक है या मामला खुला हुआ है!?”
दीपेश- “सील पैक है यार,,’’
लोकेश- “तो भाई हमे भी मिलवा।‘’
दीपेश- “झांटू तू पहले मेरा समान लाकर दे,, फालतू मत बोल।‘’
लोकेश- “ठीक है भाई,, जैसी तेरी इच्छा नहीं मिलवाना तुझे तो। लेकिन मामला फ्रेश सील पैक है तो कंडोम की क्या जरूरत है,, बिना कंडोम के करना, ज्यादा मजा आएगा।“
दीपेश- “यार आगर बालक ठहर गया तो!!”
लोकेश- “अरे ऐसे थोड़ी ठहर जाता है,,! उसके लिए तुझे अनवांटेड की गोली ला दूंगा,, जुगाड करने के बाद भाभी को खिला दियो,, कुछ भी नहीं होगा।“
दीपेश- “अच्छा,, तो वो भी ला दियो,, लेकिन भाई शाम तक दे जाइयो,,,।‘’
लोकेश- “चिंता मत करो भाई,, ऐसी गोली ला कर दूंगा कि स्वर्ग की सैर कर आओगे,,।“
दीपेश- “खानी कैसे होगी उसे!!”
लोकेश- “भाई जुगाड करने से एक घंटा पहले खा लेना, फिर तो चाहे जितना भी पेलना,, मजा आ जाएगा तुमको।“
दीपेश- “ठीक है लेकिन याद से दे जाइयो।“
लोकेश- “ठीक है भाई।“
दीपेश- “ठीक है चल..।“’’ (दीपेश फोन काट कर मोबाइल जेब में रख लेता है)
-*****-
शाम के 5 बज रहे है दीपेश दुकान पर बैठा है, तभी उसका मोबाइल बजता है, दीपेश जेब से मोबाइल निकाल कर देखता हैं तो देखता है कि सुष्मिता चाची का ही फोन आ रहा है,, दीपेश कॉल रिसीव कर के सीधे हेलो की जगह बोलता है- “और जानेमन क्या हाल है!!”
लेकिन वहां से रानी को आवाज आती है धीरे से- “अरे,, क्या बोल रहे हो!! बताया तो था कि मेरा BF है, फिर भी जानेमन बोल रहे हो!!’’
दीपेश भी घबरा जाता है थोड़ा सा- “अरे अरे सॉरी,, फोन स्पीकर पर तो नहीं था!!”
रानी धीरे से- “नहीं,,।“
दीपेश- “तुम्हारी मम्मी भी है क्या पास में!”
रानी- “नहीं,, उनको तुम्हारी दुकान पर आना है काम से।“
दीपेश- “यार वो तुमसे ध्यान नहीं हट रहा था ना,, इसीलिए मुंह से निकल गया जानेमन।‘’
रानी- “कोई बात नहीं मेरी तो,, लेकिन अगर मम्मी ने मिलाया होता तो!! तुम तो मरवा देते मुझे!”
दीपेश मन ही मन बोलता है “तेरी मम्मी तो अब मेरी जानेमन बन गई है डार्लिंग।‘’
रानी दीपेश का जवाब ना आने पर- “अरे कहां रह गए!!”
दीपेश- “कुछ नहीं,,, हां बताओ अब कैसे याद किया!”
रानी- “मम्मी आ रही है तुम्हारे पास,, मेरा एक प्रिंट निकाल देना, मैंने तुमको व्हाट्सएप पर सेंड किया है।“
दीपेश खुश हो जाता हैं कि चाची आ रही है- “ठीक है ठीक है, मैं निकाल दूंगा।“
रानी- “और सुनो,,,” (इतने में ही दीपेश कॉल काट देता है और वो सुनता नहीं)
रानी कॉल काटने के बाद मन ही मन “बता क्या दिया कि मेरा BF है,, बात भी पूरी नहीं सुनते अब।“
दीपेश के पास कई ग्राहक आ गए है तो उसे गुस्सा आ रहा है,, क्योंकि सुष्मिता चाची आ रही है और उसे उसकी चुम्मी लेनी है,, इसीलिए हड़बड़ी में जल्दी जल्दी वो सबका काम कर रहा है,।
इतने में सुष्मिता भी दुकान पर आ जाता है,, दीपेश सबके सामने तो सुष्मिता को जानेमन नहीं बोल सकता इसीलिए बोलता है “आओ चाची बैठो।“ कुर्सी पर बैठने के लिए बोलता है। सुष्मिता साड़ी में आई है, साड़ी चटख रंग की है और बदन पर कासी हुई है, और साड़ी के ऊपर सुष्मिता ने काल ब्लाउज पहन रखा है, ब्लाउज में उसकी चूची लगभग 40% दिखाई दे रही है, सुष्मिता बनठन कर आई है इसीलिए और भी सेक्सी लग रही है ।
सुष्मिता- “अभी तो बीजी हो तुम!!”
दीपेश हड़बड़ी में– “अरे,, नहीं बस हो गया काम इनका।“
दीपेश फोटो कॉपी निकाल रहा है,, वो जल्दी जल्दी करता है,, और तीन लोगों की फोटो स्टेट पूरी करके उनको दे देता है,, और पैसे ले कर रख लेता है।
अब उसके सांस आती है ग्राहकों के जाने के बाद और वो अपनी कुर्सी पर बैठता है और बोलता है- “हां डार्लिंग,, कैसी हो तुम!”
सुष्मिता कुछ बोलती की एक ग्राहक गेट से अन्दर आता है दुकान के,,
ग्राहक को देख कर दीपेश फिर चिढ़ जाता है।
ग्राहक- “भईया मैं आपको pdf भेज रहा हूं मेरे प्रिंट निकाल दो,,।“
दीपेश बुझे मन से- “लाओ भेजो मेरे नंबर पर।“
ग्राहक- “नम्बर बता दो अपना।“
दीपेश दीवार पर लगे पेपर की तरफ इशारा कर के- “ये लिख रहा।‘’
ग्राहक नंबर देख कर अपने मोबाइल में सेव कर के दीपेश को pfd सेंड करता है, दीपेश प्रिंट निकाल कर उसे देता है। उसका काम खत्म करने के बाद दीपेश फिर जैसे ही रिलेक्स होता है, तभी एक कम उम्र की शादीशुदा महिला आ जाती है,, और दीपेश से बोलती है “मुझे, यूनिवर्सिटी का फॉर्म भरवाना है, कितने पैसे लगेंगे!”
दीपेश उसे टालते हुए- “300 रुपए लगेंगे और,, आओ कल आना, अभी फॉर्म खुल नहीं रहे है,, सर्वर शाम को इनका काम नहीं करता।“
महिला- “देख लो, अभी भर दीजिए।‘’
दीपेश- “अभी जब भरा ही नहीं जा रहा है,, कल आ जाना।“
महिला- “मुझे कल फिर आना पड़ेगा, देख लो एक बार।‘’
दीपेश को गुस्सा आ रहा है लेकिन जता नहीं पा रहा है- “आप कहां रहती हो!!”
महिला- “यहीं पीछे मोहल्ले में।‘’
दीपेश- “अरे तो पास ही है, फिर क्यूं इतना परेशान हो रही हो!!”
महिला- “तो आप मेरा नंबर ले ले लीजिए और मुझे बता दीजिएगा सुबहकॉल करके, मैं आ जाऊंगी’।‘’
दीपेश- “आप मेरा नम्बर ले जाइए वो देखो सामने दीवार पर लिख रहा है,, और मुझे कॉल करके आ जाना सुबह,,, ।“
महिला- “ठीक है।“
इतना कह कर नम्बर ले कर महिला चली जाती है। दीपेश उस महिला के जाते ही शीशे का गेट बंद कर देता है और लॉक कर देता है अंदर से। बाहर से काले शीशे है तो अंदर का किसी को दिखाई नहीं देता और दुकानदार कहीं गया है बाहर से आने वाले लोगों को ऐसा लगेगा जब अंदर से दुकान बंद है।
सुष्मिता- “अरे अरे मैं क्या भागी जा रही हूं!, जो ग्राहकों से इतने परेशान हो रहे हो!!”
दीपेश- “दोपहर से खाली बैठा था, लेकिन जब तुम आई तो ग्राहकों की लाइन लग गई।“
सुष्मिता हंसती है- “अच्छा जी, मैं लकी हूं इसका मतलब तुम्हारे लिए!!”
दीपेश सुष्मिता का हाथ पकड़ता है और दुकान में पीछे ले जाता है, सुष्मिता सूट में आई है और बहुत अच्छी लग रही है, सुष्मिता को दीवार से लगा कर उसके होंठो के पास अपने होंठो को ला कर बोलता है- “अभी तो केवल बात ही हुई है, इतने में ही लकी हो गई,, और जब तुम्हरा और मेरा जिस्म एक हो जाएगा तब तो और भी ज्यादा लकी हो जाओगी तुम मेरे लिए।“
सुष्मिता नशीली आँखों से दीपेश की नजरो में देखते हुए- “अच्छा जी,,,!!”
दीपेश धीरे धीरे अपने होंठो को सुष्मिता चाची के होंठों के पास लाता हुआ- “हां मेरी जान।“
सुष्मिता दीपेश की आँखों में मासूमियत से देखते हुए- ‘’क्या अब तुम मुझे kiss करोगे!’’
दीपेश सुष्मिता की आँखों में देखते हुए- ‘’हाँ मेरी जान।’’
सुष्मिता- ‘’लेकिन मुझे तो kiss करना आता नहीं, मैंने कभी किया नहीं ना।‘’
दीपेश- ‘’कोई नहीं, मुझे आती है।‘’
सुष्मिता- ‘’क्या तुमने कभी kiss करी है पहले!!’’
दीपेश- ‘’अभी तक तो नहीं करी लेकिन आज करूँगा पहली बार।”
सुष्मिता- ‘’कैसे करोगे!!”
दीपेश- ‘’जब करूँगा, तब आंखे बंद करके महसूस कर लेना,, क्या तुम तैयार हो!!’’
सुष्मिता दीपेश का एक हाथ अपने दोनों हाथो से पकड़ कर अपने दिल पर रखती है और बोलती है- ‘’मेरे दिल की धडकनों से पूछो.. ।‘’
दीपेश का हाथ सुष्मिता के सीने पर है और सुष्मिता की धड़कने बहुत तेजी से धड़क रही है, दीपेश अपना हाथ हटाता है और बोलता है- ‘’ऐसे थोड़ी बताएगा तुम्हारा दिल!’’
फिर दीपेश थोडा झुक कर सुष्मिता की चूचियो के बीच अपना सर रखता है और कान उसके धड़कन की तरफ लगता है और कुछ सेकेण्ड ऐसे ही रहता है और फिर ऊपर उठता है अपना सर और अपने होंठो को सुष्मिता के होंठो के पास ला कर उसकी आँखों में देख कर बोलता है- ‘’तुम्हारे दिल की धड़कने जोर-जोर से कह रही है की अपनी सुष्मिता के बरसो से सूखे पड़े होंठो को आज गीला कर दो।‘’
बस इतना बोल कर दीपेश सुष्मिता के होंठो को अपने होंठो में दबा लेता है और फिर धीरे-धीरे चूसने लगता है, सुष्मिता को चूमते हुए दीपेश का लंड खड़ा हो गया है और वो सुष्मिता की सलवार पर टच हो रहा है और सुष्मिता उसे अपनी चूत पर महसूस कर पा रही है और मचल रही है। दीपेश ने अपने हाथों से सुष्मिता चाची के हाथो को दीवार से सटा कर पकड़ रखे है और लगातार सुष्मिता के होंठो को लगातार चूम रहा है, फिर अपने दोनों हाथो को सुष्मिता की कमर पर लाता है और दबा लेता है, और सुष्मिता के मोटे-मोटे दोनों चूतडो पर फेरने लगता है और उनको दबाता भी रहता है, सुष्मिता ने भी अपने दोनों हाथो को दीपेश के कंधो पर रख कर बांध रखे है।
फिर दीपेश अपने हाथों को वो सुष्मिता की चूची पर लाता है और दबा देता है,, सुष्मिता की बड़ी-बड़ी चूचियां टाइट हो गई है,, फिर दीपेश सुष्मिता को घुमा देता है जिससे उसकी गांड दीपेश के लंड की तरफ आ जाती है, और दीपेश का खड़ा लंड सुष्मिता की गांड पर टाच हो रहा है, और अब दीपश सुष्मिता की दोनों चूचीयां ढंग से दबा पा रहा है और सुष्मिता लेफ्ट की तरफ चेहरा जितना कर सकती है उतना करती है और दीपेश पीछे से सुष्मिता के होंठो को फिर से चूमने लगता है उअर चूचीयां दबाता रहता है लगातार और सुष्मिता मचल रही है।
थोड़ी देर इस पोजीशन में रोमांस करने के बाद सुष्मिता दीपेश को अपने से अलग करती है एक दम से।
दीपेश चौंक कर- “क्या हुआ डार्लिंग!“
ज्यादा देर किस करने की वजह से सुष्मिता की सांस फूल रही है और उसका दिल भी तेजी से धड़क रहा है।
सुष्मिता हांफते हुए रिलेक्स होने की कोशिश करती है।
दीपेश फिर पूछता है- ‘’क्या हुआ जानम!!’’
सुष्मिता रिलेक्स होकर बोलती है- “यहां दुकान पर ठीक नहीं है,, डर लग रहा है मुझे।“
दीपेश- “अरे कोई नहीं आएगा मैने गेट लॉक कर दिया है।“
सुष्मिता- “लेकिन बाहर के लोग तो सोचेंगे जब मैं इतनी देर से बंद पड़े गेट से बाहर निकलूंगी तो!”
दीपेश- “घबरा क्यूं रही हो! कोई क्यूं सोचेगा!!”
सुष्मिता- “बात को समझा करो, ग्राहक वापस जाएंगे दुकान से और फिर मैं निकलूंगी तो,, आस पड़ोस के दुकान वाले शक नहीं करेंगे क्या!!”
दीपेश- “चलो ठीक है अगर तुमको ऐसा लगता है तो,, लेकिन कहीं मन तो नहीं बदल गया तुम्हारा!!”
सुष्मिता दीपेश का हाथ पकड़ कर उसकी आंखों में देख कर- “बिल्कुल भी नहीं मेरी जान। अब तुम गेट खोल कर बैठो और रानी का प्रिंट निकाल दो।“
दीपेश- “ठीक है, लेकिन कल घर पर मिलने का पक्का है ना!”
सुष्मिता- “मैं तुमको बता दूंगी आज ही,, वैसे तो पक्का है, लेकिन फिर भी देखना पड़ेगा ना कि कोई आएगा-जाएगा तो नहीं घर पर कल!”
दीपेश- “ठीक है मेरी जान।‘’
इतना कह कर एक kiss सुष्मिता के होंठो पर करता है, और फिर गेट खोल कर आता है।
दीपेश सुष्मिता को प्रिंट निकाल कर दे देता है और सुष्मिता चली जाती है।
-*****-
दीपेश को नींद नहीं आ रही है रात के 1 बज चुके है,, दीपेश के दिमाग में बात गूम रही है ‘’सुष्मिता ने बताया भी नहीं अभी पूरा पक्का करके की कल आन है या नहीं,,!! क्या पता सुबह ही बताए!!’’
ये सब वो सोच ही रहा था कि उसका फोन बजता है,, दीपेश देखता है कि ये तो सुष्मिता के नंबर से ही आ रहा है।
दीपेश कॉल रिसीव करता है और बोलता है- “हैलो!!”
वहां से सुष्मिता की आवाज आती सांसों में बहुत ही धीरे से- “हेलो,,जानू सो गए थे क्या!!”
दीपेश- “अरे मेरी जान कहां नींद आ रही है!! तुमने चुरा ली है।‘’
सुष्मिता– “अच्छा,,! मुझे भी नहीं आ रही है।“
दीपेश- “तो तुम्हारी मैने चुरा ली है।‘’
सुष्मिता- “हां, वो तो है।‘’
दीपेश- “इतनी रात को फोन कर दिया तुमने मुझे,, मुझे तो विश्वाश ही नहीं हो रहा!! चाचा नहीं है क्या आज घर पर!”
सुष्मिता- “अरे है वो तो,, मैं तो बाथरूम आई थी टॉयलेट करने,, सोचा तुमको कॉल कर लूं।“
इतनी बात सुन कर दीपेश का लंड खड़ा हो जाता है- “अच्छा किया तुमने मुझे कॉल कर लिया,, तुमने टॉयलेट कर लिया या करोगी!!”
सुष्मिता- “कर लिया,, और सुनो कल आ जाना 10 बजे घर पर,, ।‘’
दीपेश खुशी से- “ठीक है ,, कोई आने वाला तो नहीं है न कल!!”
सुष्मिता- “नहीं,,”
दीपेश- “अपनी नीचे की फोटो तो भेजो खींच कर।‘’
सुष्मिता- “क्या करोगे फोटो में देख कर, कल लाइव देख लेना,,।‘’
दीपेश- “चलो ऊपर की ही भेज दो मेरे दो रत्नों की।“
सुष्मिता- “मानो नहीं तुम भी बिना देखे!!”
दीपेश “अरे भेज दो, जरा मै भी तो देखूं कि कल जिससे मिलना है वो कैसे है!”
सुष्मिता- ‘’आज इतना तो दबाया तुमने इनको फिर भी देखना है!!’’
दीपेश- ‘’अरे दबाये ही तो थे, देखे थोड़ी है!!’’
सुष्मिता- “रुको अभी भेजती हूं..’’
सुष्मिता कॉल काट देती है और दीपेश इंतजार करता है।
करीब 2 मिनट में उसे व्हाट्सएप पर सुष्मिता की चैट से फोटो आता हैं, दीपेश उत्सुकतावश फोटो खोलता है तो उसे ब्रा में सुष्मिता चाची की सेल्फी फोटो दिखती है,, उसका लंड और भी जोर मारने लगता है,, तभी सुष्मिता का कॉल आ जाता है उस पर।
दीपेश- “बोलो मेरी जान!”
सुष्मिता- “कैसी लगी फोटो!!”
दीपेश- “सेक्सी लगी,, लेकिन ब्रा क्यूं नहीं उतार कर ली सेल्फी तुमने अपनी??”
सुष्मिता- “मेरी जान,, अगर आज इंट्रेसट कम हो गया तो कल कैसे करोगे!! तुम्हारा इंट्रेस्ट बना रहे इसीलिए मैने ब्रा में ही भेजी फोटो,, और ऊपर से कोई आ गया तो पहनने में देर लगेगी फिर।‘’
दीपेश- “कोई नहीं,, तुम बहुत सेक्सी लग रही हो।‘’
सुष्मिता- ‘’अच्छा,,! आज कितना मजा आया तुमको मुझे kiss करने में!!’’
दीपेश- ‘’बहुत आया, मन प्रफुलित हो गया। और तुमको मजा आया की नहीं!!’’
सुष्मिता- ‘’हाँ मुझे भी आया.. ।‘’
दीपेश- ‘’कम आया की ज्यादा!!’’
सुष्मिता- ‘’जितना तुमको आया उतना ही मुझे आया।‘’
दीपेश- ‘’खुश हो!!’
सुष्मिता- ‘’बहुत-बहुत,, तुम्हारी वजह से मेरी जान।‘’
दीपेश- ‘’मैं भी तुम्हारी वजह से ही खुश हूँ,, वर्ना अकेला था, कोई थी नहीं ऐसी, जिसे मैं हर तरीके से प्यार करता।‘’
सुष्मिता- ‘’कोई नहीं अब मैं आ गई हूँ तुम्हारी जिंदगी में,, अब मुझसे प्यार करना जी भर कर।‘’
दीपेश- ‘’हाँ मेरी जान।‘’
सुष्मिता- “चलो ठीक है फिर मैं रखती हूं,, वर्ना तुम्हारे चाचा जाग गए तो दिक्कत हो सकती है!!”
दीपेश- “अरे चाचा को तुम्हारी जरूरत ही नहीं है,,, अब तुम्हारी जरूरत मुझे है।“
सुष्मिता- “मुझे भी अब तुम्हारी जरूरत है,, चलो ठीक है मैं रखती हूं।“
दीपेश- “सुनो सुनो,,”
सुष्मिता- “हां बोलो,,”
दीपेश- “आई लव यू,,”
सुष्मिता- “आई लव यू टू मेरी जान।“
फिर कॉल कट हो जाती है और दीपेश सुष्मिता के ख्यालों में खो कर सो जाता है,, उधर सुष्मिता भी फोटो के लिए उतारा अपना सूट पहनती है और अपने कमरे में चली जाती है।