Hindi Sex Story-कुंवारी भाभी-पराया देवर= भाभी का दिल आया अपने सगे छोटे देवर के दोस्त पर, पढ़े गर्मागर्म भाग-1

कुंवारी भाभी का पहला प्यार।
साल 2004
दीप 13 साल का एक छोटा लड़का है जो देखने में बड़ा क्यूट है, इतनी उम्र में उसकी लम्बाई और शारीरिक बनावट लगभग 16 साल के लड़के जितनी है। उसके साथ एक लड़का रवि पढ़ता है जिसके घर दीप खेलने जाया करता है, क्योंकि वहां एक बड़ी सी छत है जहां क्रिकेट बहुत आराम से खेला जाता है।
रवि जहां रहता है वो एक फेक्ट्री है और रवि के पिताजी वहां काम करते है इसीलिए मालिक ने उनके परिवार को फेक्ट्री के ऊपर का मकान रहने के लिए दे रखा है।
रवि कुल मिलकर चार भाई है, जिसमें रवि तीसरे नंबर का लड़का है और उसके सबसे बड़े भाई संजू का रिश्ता हुआ हैं, और जिस लड़की से रिश्ता हुआ है उसका घर भी अधिक दूर नहीं है, मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर है। और खास बात ये कि लड़की के घर के सामने एक बड़ा सा पार्क है, जहाँ दीप, रवि, रवि का छोटा भाई नीरज और दोस्त अक्सर खेलने जाया करते है, और भी बहुत से बच्चे-बड़े सुबह शाम आते है पार्क में।
आज शाम को रवि और उसके सारे भाई (जिसका रिश्ता हुआ है उसे छोड़कर) , बहन, उसकी मम्मी और चाची लड़की से मिलने आज पार्क जा रहे है, और वैसे भी रोज पार्क रवि अपने दोस्त दीप और अपने भाइयों के साथ खेलने जाता ही है। आज रवि ने स्पेशल कहा है दीप को की “तुझे आज अपनी भाभी से मिलवाऊंगा।“
शाम को दीप भी साथ में चल देता है। सब पैदल पैदल एक गली से होते हुए पार्क पहुंच जाते है। और पार्क में प्रवेश करते ही उनको लड़की वाले मिल जाते है, जिनमें कई शादशुदा महिलाएं है, कई कुंवारी लड़कियां है और कई बच्चे भी है। रवि जिस-जिस को जो-जो नाम लेकर नमस्ते करता है उसी-उसी नाम से दीप भी सबको नमस्ते करता है। रवि एक लड़की को भाभी कह कर नमस्ते करता है तो दीप भी उस लड़की को भाभी नमस्ते कह कर संबोधित करता है।
दीप देखता है कि, रवि की होने वाली भाभी लगभग 16 या 17 साल की होगी क्योंकि रवि की बिरादरी में शादी जल्दी हो जाती है। रवि की भाभी 5.4 फीट की लम्बाई लिए है लगभग, रंग गोरा और फिगर एक दम कसा हुआ है, चूचियां तनी हुई है, चूतड के दोनों कुल्हे गोल-गोल है जो चलते हुए आगे पीछे हो रहे है, और सूट बिलकुल कसा हुआ पहन रखा है, जिसमे चूचियों की लकीर काफी दिख रही है और चूचियां भी उभर कर बाहर आन चाहती है, रवि की होने वाली भाभी ऐसी लग रही है मानो जैसे हिंदी फिल्मो की प्रयंका चौपडा हो।
रवि की होने वाली भाभी रवि से डीप की तरफ इशारा करते हुए पूछती है “ये दोस्त है तुम्हारे!!” तो रवि कहता है “हां भाभी। ये मेरा सबसे पक्का दोस्त है’’
रवि की भाभी दीप से हाथ मिलाने को हाथ आगे बढ़ाती है “क्या नाम है आपका!!”
दीप शर्माते हुए हाथ मिलाते हुए अपना नाम बताता है “दीप, भाभी।“
रवि की भाभी दीप की खिंचाई करते हुए “दीप भाभी, नाम है आपका!!”
दीप शर्माते हुए “नहीं दीप है खाली।“
रवि की भाभी “दीप खाली है तो जलेगा कैसे!!” कह कर हंसती है। और अभी भी हाथ पकड़ रखा है हेल्लो की पोजीशन में।
दीप शर्माते हुए मुस्कुराता है, और हेल्लो में जो हाथ भाभी ने पकड़ रखे है उससे हिलाते हुए फ्रोफेश्नल तरीके से बोलता है “मेरा नाम दीप, और आपका नाम ?”
रवि की भाभी मिले हुए हाथ हिलाते हुए- ‘’मैं मोना।“
दीप- ‘’आपसे मिलकर अच्छा लगा,, ।‘’
मोना- ‘’ मुझे भी..”
मोना हंसती है और बोलती है रवि से ‘’रवि भैया तुम्हारा दोस्त तो बड़ा ही स्मार्ट है!” फिर दीप से ‘’बड़े मजेदार लड़के हो तुम तो, पूरी एक्टिंग जबरजस्त थी।‘’ दीप शर्माता हुआ मुस्कुराता है।
फिर रवि की भाभी बोलती है “चलो खेलने आये हो ना पार्क! सारे बच्चे हाँ में चिल्लाते है, मोना- “आओ खेलने चलते है फिर।‘’
दीप और रवि साथ में चलते है और सब बच्चे इकट्ठे हो जाते है। मोना भाभी बोलती है कि “चलो पकड़म पकड़ाई खेलते है और पहले सबको छुएंगे दीप।“
सब बच्चे दीप से दूर हो जाते है और दीप एक जगह खड़े होकर दस तक गिनती बोल कर सबके पीछे भागने लगता है क्यूंकि उसे किसी एक को छूना है, और वो रवि की भाभी को ही छू देता है। रवि की भाभी “अरे मैं ही मिली तुमको सबसे पहले छूने को!!”
दीप शर्माते हुए- “सॉरी भाभी, चलो फिर से भागों में दोबारा छूता हूं किसी को।‘’
रवि और दूसरे बच्चे “नहीं नहीं भाभी डेन हो गई है अब भाभी हमको पकड़ेगी।‘’
भाभी- “हां-हाँ चलो मैं ही छूती हूं, चलो भागो सब भागो।‘’
सब बच्चे भागते है और भाभी सबके पीछे भागती है लेकिन किसी को छू नहीं पाती, सब बच्चे है और उससे तेज भाग रहे है वो किसी को छू नहीं पा रही है, और काफी देर हो गई है। दीप को ये अच्छा नहीं लगता कि भाभी छू नहीं पा रही है, इसीलिए वो भाभी के थोड़ा पास आ जाता है, भाभी दीप को देखती है और उसके पीछे भागती है और दीप बहुत आराम से भागता है और अपने आपकों छुवा देता है भाभी से। भाभी जब दीप को छू लेती है तो सब बच्चे दीप का मजाक उड़ाते है, और दीप से बच कर भागते है और उसे इशारा करते है कि वो छू कर दिखाए। दीप जानबूझ कर हारा है भाभी ये बात जान गई थी और वो दीप को इस बात पर फिदा हो गई थी।
खेल खत्म करके सब घर जाने को होते है, दोनों तरफ के रिश्तेदार एक दूसरे से नमस्ते कर के और महिलाएं आपस में गले मिल कर विदा लेते है। और सब पार्क से बाहर बाते करते हुए निकलते है। मोना का ध्यान दीप के ऊपर अधिक है।
लगभग रोज रवि, दीप और अन्य बच्चे उसी पार्क में जाते है खेलने, और रवि की भाभी अपने भाभी के छोटे-छोटे बच्चों को भी पार्क लेकर आती है, अब दीप की रोज भाभी से पार्क में मुलाकात होती वो रोज आपस में खेलते, बात करते और कभी-कभी पार्क की केंटिन में या पार्क के बाहर खड़े ठेले वालों से कुछ न कुछ खाते पीते भी। मोना दीप की तरफ आकर्षित हो रही है धीरे-धीरे, दीप की बाते उसे अच्छी लगती है और दीप से बाते करना भी उसे अच्छा लगता है। सभी बच्चे तो खेलते और मोना डीप को पार्क में घासों पर लेकर बैठती और बाते करती, पार्क में लोगों से नजर बचा कर उसकी जांघ पर हाथ रखती, कभी गले में हाथ डालती, कभी गाल से गाल टच करने की कोशिश करती।
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कुंवारी भाभी की पहली kiss-
एक दिन रवि की होने वाली भाभी मोना, दीप, रवि, उसके छोटे भाई नीरज और दोस्तों को अपने घर चलने को कहती है, ये कह कर कि उसने उन सबके लिए खाने में पकवान बनाए है। रवि और उसके भाई और दूसरे दोस्त तो चलने के लिए तैयार हो जाते है, लेकिन दीप माना कर देता है। भाभी उसकी तरफ देखती है और पूछती है “दीप क्यूं, क्या हुआ आपको!!”
तो दीप शर्माते हुए “नहीं भाभी, आप इनको ले जाओ, मैं घर चले जाता हूं।“
भाभी “दीप तुम तो बहुत शर्मीले हो, इसमें शर्माने क्योंकि बात वो भी तो तुम्हारा घर ही है ना! और दोस्त की ससुराल अपनी ससुराल, चलो अब।“
लेकिन दीप शर्माते हुए फिर मना कर देता है “भाभी मन नहीं है मेरा, मैं जा रहा हूं घर, कल मिलते है।“
रवि और दूसरे बच्चे भी उसे भाभी के घर साथ चलने को कहते है।
भाभी दीप का हाथ पकड़ लेती है और दीप से कहती है “दीप तुमको मेरी कसम है, तुमको चलना ही पड़ेगा, मैने अपने हाथों से बनाया है, तुम्हारे लिए। “
दीप की लम्बाई मोना से एक-दो इंच ही छोटी है। भाभी पास आकर दीप के कानो में बोलती है “खास तुम्हारे ही पसंद का बनाया है,’’ फिर थोड़ा दूर होकर “और तुम नहीं चलोगे तो देखो मेरा दिल टूट जाएगा।“
दीप शर्माता हुआ मुस्कुराने की कोशिश करता है और चलने के लिए तैयार हो जाता है। सभी बच्चों और दीप को साथ लेकर मोना अपने घर ले जाती है, घर में सभी बड़े लोग बच्चों को प्यार से दुलारते हुए, सोफे और कुर्सियों पर बैठाते है। मोना भाभी स्पेशल दीप को सोफे पर बैठने को कहती है, और रसोई में चली जाती है ये कह कर कि अभी लाती हूं गर्मागर्म खाना तुम सबके लिए।
थोड़ी ही देर में मोना भाभी और भाभी की भाभी, भाभी की छोटी बहन, सबकी सब अलग अलग थालियों में बच्चों के लिए छोले भटूरे ले कर आती है। सबके आगे एक एक थाली छोले भटूरे की रखी जाती है। रवि की भाभी ख़ुद दीप के लिए थाली लेकर आती है और दीप के आगे रखती है। दीप शर्मीली अवस्था मे है और वो असहज भी ही रहा है। भाभी उसे सहज करने की कोशिश करती है “दीप खाओ ना, अब शर्माओं मत, देखो दूसरे बच्चों ने तो खाना भी शुरू कर दिया है।“
दीप शर्माते हुए भाभी के कान में कुछ कहना चाहता है भाभी झुक कर दीप की सुनती है “हां बोलो दीप।“
दीप “भाभी मुझे हाथ धोने है, कहां धो कर आऊं!!”
मोना भाभी सोचती है कि सारे बच्चे ऐसे ही गन्दे हाथों से खाने लग गए लेकिन दीप ने खाना छुआ भी नहीं। मोना भाभी के दिल में एक मौका धड़का, मोना दीप से– “हाथ धोने है तो चलो मेरे साथ मैं धुलवाती हूं” दीप को हाथ धुलवाने ले जाते हुए भाभी बाकी बच्चों से बोलती है “सीख लो दीप से कुछ, बिना हाथ धोए खाना नहीं खाते ये।“
मोना भाभी उसे हाथ धुलवाने ले जाती है वॉशरूम की तरफ, वहां कोई नहीं है, दीप हाथ धो रहा होता हैं तो मोना भाभी दीप से “दीप!!”
दीप हाथ धोते हुए “हां भाभी!!”
मोना भाभी “तुम मुझे भाभी मत कहां करो, मोना कहा करो।“
दीप झेप जाता है, वो बच्चा जरूर है लेकिन इन सब बातों का मतलब वो अच्छी तरह से जानता है।
दीप हाथ धो लेता है और कुछ नहीं बोलता।
रवि की होने वाली भाभी दीप को फिर टटोलती है “दीप, ठीक है ना अबसे मुझे भाभी नहीं मोना कह कर बुलाना।“
दीप शर्माते हुए “लेकिन रवि और नीरज की भाभी हो तो आप मेरी भी तो भाभी हुई!!”
मोना- “मैं उनकी ही तो भाभी हूं, तुम्हारी थोड़ी हुई!”
दीप “आप मेरी भी तो भाभी हुई फिर!!”
मोना “भाभी शादी के बाद ही तो बनूंगी अभी तो शादी भी नहीं हुई, और रवि नीरज तो कह सकते है भाभी लेकिन तुम नहीं। तुम्हारी जगह मुंहबोले रिश्ते में नहीं मेरे दिल में है।‘’
दीप शर्माते हुए “लेकिन भाभी मैं कैसे आपका नाम ले सकता हूं! आप तो बड़ी हो,,!’’
मोना इधर उधर देख कर ये सुनिश्चित करती है कि कोई है तो नहीं फिर दीप के होठों पर Kiss करती है और दीप को पूरे 1 मिनट तक दीप के होंठो को चूसती है, दीप किसी भी स्थिति में नहीं है कि उसे क्या करना है क्या नहीं बस वो खड़ा हुआ है और मोना उसके होंठों को चूमे जा रही है।
फिर मोना हटती है और बोलती है “इन्हीं होंठों से मेरा नाम ले सकते हो और मुझे मोना कह सकते हो। प्यार में कोई छोटा बड़ा नहीं होता। “
दीप हां में गर्दन हिलाता है,
मोना – ”दीप ये मेरी पहली Kiss है, वो भी तुम्हारे साथ।’‘
डीप कुछ नही बोलता वो शर्म से खामोश है, तो मोना उसे साथ चलने को कहती है, और फिर दोनों खाने वाले कमरे में चले जाते है, दीप थोड़ा असहज है इसलिए मोना दीप को सहज करने की कोशिश करती है और उसे खाना परोसती है और खाने को बोलती है, और पहला टुकड़ा उसे खुद खिलाती है, और फिर रसोई में चली जाती है।
सब बच्चे खाना खा लेते है और दीप भी खाना खा लेता है, सब बच्चे भाभी से बोलते है कि भाभी छोले भटूरे अच्छे बने थे बहुत, और अलग अलग बच्चे अलग अलग तरीके से तारीफ करते है खाने की। लेकिन दीप कुछ नहीं बोलता और मोना उसे पूछती है “दीप तुमको अच्छे नहीं लगे क्या छोले भटूरे??”
दीप सकपका कर बोलता है “हां भाभी बहुत अच्छे बने थे।“
मोना नशीली प्यार और हवस भरी आंखों से दीप को देखती है और दीप मोना की आंखों में देख कर शर्मा जाता है। और सब बच्चों के साथ दीप भी वहां से चला जाता है।
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दीप दो दिन तक पार्क में नहीं गया रवि और बाकी दोस्तो के साथ खेलने तो मोना बैचेन होने लगी और वो रवि और दूसरे बच्चों से बोलती की उसे लेकर आए तो बच्चे बोलते की उसे बुखार आ रहा है, इसीलिए वो नहीं आ रहा है। मोना सोचने लगी कि एक बार की Kiss में ही दीप बीमार हो गया!!
दो दिन बाद दीप पार्क में आया शाम को खेलने अपने दोस्तों के साथ, और मोना पहले ही पार्क में मौजूद थी। मोना दीप को देखते ही बहुत खुश हो जाती है अंदर ही अन्दर। वो दीप के पास जाती है और सब दोस्तों के सामने पूछती है “क्यूं दो दिन कहां रह गए थे तुम!! भाभी की याद नहीं आई!!”
दीप शर्माते हुए “भाभी तबियत खराब थी इसीलिए नहीं आ पाया।“
मोना छेड़ते हुए “छोले भटूरे खा कर बुखार आ गया या कुछ नई चीज चख कर!!”
“क्या नई चीज चखा दी अपने देवर को!!” तभी मोना के पीछे से संजू आते हुए पूछता है मोना से।
मोना चौक कर पीछे मुड़ कर देखती है, उसे संजू पीछे खड़ा दिखाई देता है। संजू से ही मोना का रिश्ता हुआ है और संजू आज पार्क में पहली बार उससे मिलने आया हैं क्योंकि आज रविवार भी है और संजय की छुट्टी रहती है। संजू के साथ उसकी चाची और बहन भी आई है ये देख कर मोना मन ही मन राहत की सांस लेती है क्योंकि संजू अकेला होता तो उससे अकेले में उसे बात करनी पड़ती।
संजू को देख कर मोना शर्माती है और बोलती है “दीप छोले भटूरे खा कर गया तो बीमार हो गया,, वो ही पूछ रही थी इनसे।“
संजू दीप से बोलता है- “क्यूं भाई भाभी के हाथ का खाना तुझे पचा नहीं!! तो मुझे कैसे पचेगा रोज रोज!!” मोना की ओर शरारत से देखते हुए संजू।
मोना शर्मा जाती है।
‘’भाभी, खाना खिलाने के बाद तुझे रस्सी कुद्वाएगी तो सारा पाच जायेगा.. ।‘’ तभी पीछे से संजू की की बहन बोलती है संजू से जो शादीशुदा है, और मोना को कंधो पे से पकडती है।
तभी मोना के पास संजू की चाची भी जाती है, मोना अपनी ननद और चाची दोनों के पैर छूती है और फिर गले मिलती है।
मोना संजू की चाची, बहन और मोना के घर के लोग पार्क में घास पर बैठ कर ही आपस में बात करते है। थोड़ी देर बाद संजू की चाची और बहन और मोना की भाभी और बहन वहां से उठ कर अलग दूर जाकर बैठ जाती है। शायद उन दोनों को बाते करने के लिए अकेला छोड़ने का प्लान था उनका।
दीप खेलते हुए मोना और संजू को देख रहा है, संजू मोना का हाथ पकड़ कर बाते कर रहा है, उसे जलन तो नहीं हो रही लेकिन अजीब जरूर लग रहा है जबसे मोना ने उसे kiss(चुम्बन) किया है।
थोड़ी देर बाद शाम रात में बदल जाती है, इसीलिए सब उठ उठ कर घर की ओर जाने लगते है, और मोना और संजू भी उठ जाते है, उनके पास भाभी और बहन आ जाती है, मोना की भाभी संजू से पूछती है कि ‘’क्या क्या बात कर की अपनी वाइफ से!!’’ संजू थोड़ा शर्माते हुए “कर ली भाभी, ये पर्सनल बाते है दूसरों को बताई नहीं जाती।“ तभी संजू की चाची बोल पड़ती है “हां देख लो अब हम दूसरे हो गए है।“ सब हंसते है।
मोना की भाभी “कोई नहीं बेटा हो जाने दो शादी, फिर पता चलेगा तुमको।“
संजू की चाची ‘’चलो अब चलते है।‘’ संजू और मोना हाथ पकड़ कर बाहर गेट की तरफ जाते है, दीप और उसके दोस्त भी बाहर जाते है पार्क से, दीप लेकिन ये सोच रहा है कि मोना ने आज उसे संजू के आने के बाद एक बार भी नहीं देखा। लेकिन उसे कोई ज्यादा फर्म पड़ा नहीं वो तो खेलने में बिजी था अपना।
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मोना भाभी का इजहार-
अगले दिन दीप पार्क में रवि और अपने दोस्तों के साथ आता है, मोना थोड़ी देर बाद आती है, मोना थोड़ा मेकअप करके आई है आज, दीप और दोस्त बॉल से कैच कैच खेल रहे है। मोना आ कर दीप को बुलाती है और बैंच पर पास आ कर बैठने को कहती है, दीप आ जाता है और मोना के पास आ कर बैठ जाता है, मोना पूछती है “कल तो तुम मुझे देख रहे थे अपने भईया के साथ बैठे हुए! जल तो नहीं रहे थे तुम!” मुस्कुराते हुए।
दीप “नहीं भाभी,,,”
मोना आंख दिखाती हैं दीप को दीप समझ जाता है “सॉरी, मोना,,’’
मोना इशारो में अब ठीक है..
दीप कंटीन्यू बोलता है ‘’मैं तो ये सोच रहा था कि तुम वैसे मुझे देखती हो और संजू भईया के साथ थी तो एक भी बार नहीं देखा तुमने।“
मोना “मैने तुमको कई बार देखा लेकिन सीधे नहीं देखा, क्योंकि तुम्हारे भईया के साथ थी ना इसीलिए ।“
दीप “अच्छा, ठीक है।“
मोना “अरे क्या ठीक है?! तुम्हारे भईया मुझसे किस मांग रहे हैं होठों की।“
दीप शर्माते हुए “तो दे दो”
मोना “शादी के बाद दूंगी तुम्हारे भईया को, अभी तो ये होंठ ये जिस्म केवल तुम्हारा है, तुम ही इसके मालिक हो। तुम्हारे भईया को तो अभी पूरे एक साल इंतज़ार करना पड़ेगा।“
दीप शर्मा रहा है क्योंकि वो इरादे समझ रहा है मोना के, जितनी उसकी उम्र है उस हिसाब से दीप दूसरे बच्चों से अधिक समझदार है, क्योंकि वो रोज अखबार पढ़ता है।
मोना फिर बोलती है “तुम्हारे भईया किस के लिए लालायित है और तुम मेरे राजी होने के बाद भी मुझसे किस नहीं मांग रहे!!”
दीप शर्मिला अधिक है, उसकी दिल की धड़कन भी बढ़ जाती है मोना के मुंह से ऐसी बाते सुन कर।
मोना ‘’दीप, मैंने पहले नहीं पूछा अब बताओ, तुम किसी लड़की से प्यार करते हो!’’
दीप शरमाते हुए ना में सर हिलाते हुए सर झुकाते हुए- ‘’नहीं’’
मोना रिक्वेस्ट करती हुई दीप की जांघ पर हाथ रखते हुए ‘’तो दीप, मुझसे प्यार कर लो ना, मैं बहुत प्यार करती हूँ तुमसे।‘’
दीप शरमाते हुए एक नजर मोना की और देख कर फिर सर झुकते हुए ‘’ह्म्म्म,, ठीक है,,’’
मोना थोड़ी खुश होती हुई, दीप के झुके हुए सर को झुक कर उसकी आँखों में देखती हुई ‘’दीप, आई लव यूँ!!’’
दीप ने सर अभी भी झुका रखा है,, मोना के ये शब्द सुन कर उसका दिल और तेजी से धड़क रहा है,,
मोना फिर उसी तरह बोलती है ‘’दीप,, आई,,, लव,,,,यू,,, । बोलो ना दीप शरमाओ मत… ।‘’
दीप धीरे-धीरे मुंह ऊपर करता है और एक नजर मोना की और देख कर ‘’आई लव यू टू।‘’ जल्दी से बोल कर नजरे दोबारा नीची कर लेता है।
मोना दीप का हाथ पकड़ती है और दूर खेलते हुए रवि से कहती है “रवि भईया हम अभी आ रहे है।“ रवि खेलने में मस्त है, और भाभी की ओर बिना देखे जवाब चिल्लाते हुए देता है “ठीक है भाभी।“
मोना दीप का हाथ पकड़ कर पार्क के एक किनारे झाड़ियो के पास ले जाती है और वहां पेड़ के पीछे ले जा कर दीप के होंठों को चूसने लगती है, दीप ऐसे खड़ा है जैसे उसने आत्म समर्पण कर दिया हो, वो मोना का किस(kiss) करने में साथ तो नहीं दे रहा क्योंकि उसे पता नहीं किस कैसे करते है, लेकिन मोना जो भी करती है वो उसे करने देता है। मोना को थोड़ा जोश और चढ़ता है किस करते हुए वो दीप से पूछती है “दीप, तुमको बुरा तो नहीं लग रहा जो मैं कर रही हूं!!” दीप ना में शर्माते हुए सर हिलाता है। मोना “दीप किसी को बताना मत की मैं क्या करती हूं तुम्हारे साथ, किसी को भी नहीं, ये बात तुम्हारे और मेरे बीच रहनी चाहिए।‘’
दीप “ठीक है।‘’ इतना ही बोलता है।
मोना उसके गले पे, गालों में फिर होंठों पे किस करती है और किस करते करते वो दीप का लिंग भी पकड़ लेती है, उसके लोवर में ही, और सहलाने लगती है, दीप का लिंग खड़ा होने लगता है, और मोना लोवर के अन्दर हाथ डालती है फिर अंडरवियर के अंदर हाथ डालती है, फिर अन्दर ही दीप का लंड दबाती और दबाते हुए सहलाने लगती है,फिर लंड की खाल को ऊपर नीचे करती है और दीप से पूछती है “दीप मजा आ रहा है न!!”
दीप की हालत खराब है वो बेचैन होकर बस मोना को देखता है, मोना समझ जाती है कि दीप को मजा आ रहा है।
अब मोना हट जाती है, क्योंकि उसे पता है कि पार्क में कोई भी देख सकता है, लेकिन उसने भविष्य की नींव रखी है इन पांच मिनटों के मजे में।
अब वो दीप से बोलती है “दीप तुम रवि और नीरज को मत लाया करो।“ दोनों पार्क में वापस आते हुए। दीप “लेकिन वो तो आयेंगे ही खेलने।“
मोना “दीप एक काम करो, तुम कल दोपहर में 3 बजे आ जाओ, मैं तुम्हारे इंतज़ार करूंगी।‘’
दीप हां में सर हिलाते हुए ‘ठीक है।’’
मोना और दीप झाड़ियों में से वापस मेन पार्क में आ जाते है, रवि और बाकी दोस्त जो क्रिकेट खेल रहे है वो दीप को आता देख साथ क्रिकेट खेलने को आवाज दे कर बुलाते है। दीप मोना से ‘’थोडा समय उनके साथ भी बिता लूँ!””
मोना – ‘’हाँ, बिलकुल, मेरी जान।’’
दीप दोस्तों के साथ खेलने चला जाता है और मोना वहीँ बैंच पर बैठ जाती है और दीप और उसके दोस्तों को देखने लगती है।
रवि पूछता है दीप से की कहां गया था भाभी के साथ! तो दीप बोलता है- ‘’भाभी अपनी गली तक एक दुकान पर गई थी कुछ लेने।“
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भाभी की हवस-
अगले दिन दीप ठीक तीन बजे से 10 मिनट पहले ही पार्क के गेट पर पहुंच जाता है, पांच मिनट इंतज़ार करने के बाद मोना भी आ जाती है, मोना दीप को अपने घर ले जाती है। जून की दोपहर का टाइम है, सड़क सुनसान पड़ी है, मोना के घर में पुरुष तो नौकरी पर गए हुए है, उसकी मां एक कमरे में सो रही है, और उसकी भाभी ऊपर अपने कमरे में है, मोना नीचे ही एक दूसरे कमरे में दीप को ले जाती है और उसे पानी की पूछती है, दीप मना कर देता है, मोना कमरे का गेट बंद कर देती है और बीएड पर दीप के पास बैठ जाती है, फिर धीरे धीरे दीप के पास आती है और उसके होंठों को चूमने लगती है, मोना गर्म हो जाती है फिर दीप की पेंट चैन खोल कर उसके लंड को हाथ में ले कर उसे पेंट से बाहर निकाल कर मसलने लगती है, दीप का लंड खड़ा होकर पूरा टाईट हो जाता है। उसके बाद मोना दीप के होंठो की तरफ से धीरे धीरे अपना मुंह डीप के लैंड की तरफ लाती हो और दीप का लंड पूरा मुंह में ले कर लोली पॉप की तरह चूसने लगती है, दीप आँखे बंद कर लेता है और मचलता रहता है, काफी देर चूसने के बाद, वो हट जाती है। फिर वो दीप से अपनी पेंट उतारने लगती है, और साथ में उसका अंडरवियर उतार देती है, दीप का छोटी उम्र में लंड काफी ठीक-ठाक बड़ा है, मोना अंडरवियर उतारने के बाद पूरा लंड देख कर फ़िदा हो जाती है, और फिर दीप की टीशर्ट उतार देती है। चूंकि डीप ने टीशर्ट के नीचे सेंडो बनियान नहीं पहनी है तो दीप को मोना पूरा नंगा कर चुकी है। दीप को अपने नंगा होने पर बहुत शर्म आ रही है, लेकिन वो मोना के लिए बंधा हुआ है कशमकश में।
मोना डीप का शर्मना और लज्जित होना भांप रही है तो वो उसकी शर्म दूर करने के लिए दीप के सामने अपना सूट उतर देती है और फिर अपनी सलवार उतार देती है, मोना बहुत जल्दी में है उसका दिल धड़क रहा है बहुत जोर से, उसे डर है कि कोई आ ना जाए, देख ना ले और उसमें हवस भी है और सेक्स करने की जल्दी भी है, वो बहुत जल्दी-जल्दी अब डीप का लंड अपनी चूत में उतरवाना चाहती है।
दीप मोना को ब्रा और पेंटी में देख कर बेचैन हो जाता है, और उसे शर्म भी आ रही है और अब उसे भी डर सा लग रहा है।….
भाभी की अधूरी हवस-
….मोना अपनी सलवार और पेंटी उतार कर बेड पर लेट जाती है और दीप से बोलती है “दीप जल्दी से मेरे ऊपर आओ और सेक्स करो।“
दीप मोना के ऊपर चढ़ जाता है, तो मोना बोलती है कि “ये जो तुम्हारा लैंड है मेरी choot में घुसेड़ दो जैसा मैने तुमको मैगजीन में दिखाया था।“
दीप मोना की चूत देखता है जो हलकी गुलाबी रंग लिए गोरी है और उस पर हलके हलके बाल आ रहे है, डीप अपना लंड पकड़ता है और कोशिश करता है चूत में डालने की और पूछता है “गया क्या!!” मोना बैचेन होते हुए “नहीं गया ये तो नीचे जा रहा है बार बार “
दीप दोबारा छेद ढूंढ कर डालने की कोशिश करता है लेकिन नहीं डाल पाता। क्यूंकि मोना भी पहली बार अपनी चूत में लंड डलवा रही है इसीलिए उसे पोजीशन बनानी नहीं आरी है, मोना अपने पैर सीधे किये हुए है और दीप को भी पता नही कैसे करने है! वो पसीने पसीने हो रहा है और डालने की कोशिश कर रहा है, लेकिन मोना की चूत में लंड नहीं डाल पा रहा है।
मोना को डर है कोई आ ना जाए तो वो जल्दी बाजी में एक निर्णय लेती है वो दीप से कहती है कि ‘’दीप अपनी जीभ घुसा दो मेरी चूत में।‘’
दीप ऐसा ही करता है, वो अपना मुंह मोना की चूत की तरफ लेकर आता है और अपनी जीभ घुसाने लगता है मोना की चूत में जैसे ही डीप अपनी जीभ डालता है, मोना आंखे बंद करके तड़पने लगती है, दीप की जीभ भी पूरी चूत कवर नहीं कर पर रही है, जीभ मोना की चूत के चीड की किनारी तक ही जा रही है, डीप जीभ को हिलाता है और अन्दर डालने की कोशिश करता है तो मोना और तृप्ति है। दीप जब मोना की चूत को जीभ से चाट रहा था तो उसने अनुभव किया कि चूत चाटने के लिए उसने मोना की टांगों को घुटने से मोड़ने के लिए कहा था। लेकिन वो कुछ और सोचता, बाहर किसी के होने की आवाज आती है, मोना हड़बड़ा जाती है और जल्दी से हटती है, और सलवार पहनती है और दीप भी अंडरवियर पहन कर पेंट और टीशर्ट पहनता है। मोना सलवार और सूट पहन कर चुपचाप दरवाजा खोलती है और देखती है, उसे अनुभव होता है कि शायद कोई ऊपर के कमरे की तरफ गया है। मोना देखती है कि अभी तो नीचे कोई है नहीं तो वो दीप से कहती है “दीप तुम पार्क में चले जाओ मैं भी आती हूं दस मिनट में।
दीप “ठीक है मोना” कह कर बाहर निकल जाता है।
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मोना पार्क में पहुंचती है, दीप अकेला बेंच पर बैठा है, मोना उसके पास जा कर बैठती है, दीप का हाथ अपने हाथ में लेती है, “दीप, तुम ठीक तो हो!”
दीप “हां मुझे क्या हुआ है!” मैं तो ठीक हूं लेकिन आप डरी हुई लग रही हो।“
मोना “आप नहीं तू बोला करो मुझे, अब मैं तुम्हारी हो चुकी हूं,
दीप कुछ नहीं बोलता बस मोना की ओर देख कर उसकी बाते सुन रहा है।
मोना “कैसा लगा!! मजा आया की नहीं!”
दीप “हां ठीक लगा “
मोना “मुझे पता है तुमको मजा नहीं आया जो मैं तुम्हे देना चाहती थी, तुमको सीखना पड़ेगा दीप, फिर तुमको बहुत मजा आएगा। तुम अन्दर घुसा नहीं पाए।“
दीप “मोना, अगली बार घुसा दूंगा मुझे पता चल गया कि कैसे घुसेगा!”
मोना खुश होते हुए “कैसे!”
दीप “वो तुमको अपने पैर,,,” दीप अपनी बात पूरी करता उससे पहले उसे रवि की आवाज सुनाई देती है “दीप ओ दीप, तू तुझे तो मैं घर गया था बुलाने तू पहले ही आ गया!!” पास आते हुए दीप बोलता है और साथ में उसके और भी दोस्त है।
मोना फुसफुसाती है “आ गया कबाब में हड्डी।“
दीप मोना की बात सुन लेता हैं और मुस्कुराता है, फिर रवि मोना से “भाभी नमस्ते“
मोना “नमस्ते भईया कैसे हो!!”
दीप बात काटते हुए रवि से बोलता है “यार मन नहीं लग रहा था घर पे तो मैं यहां आ गया फिर भाभी भी आ गई।“
-*****-
रात का समय है मोना अपने कमरे में अकेली उल्टी लेटी है और अपने सीने में तकिए को दबाए पैरों को ऊपर उठाए साइकल के पैंडल मारने जैसे हिला रही है और वो एडल्ट मैगजीन देख रही है, जिसमें अंग्रेज लड़का और लड़की सेक्स कर रहे है, मोना पेज पलट रही है और अलग अलग पोज में सेक्स की फोटो देख रही है, और सोचती है कि ‘’कैसे नहीं हुआ यार?! मुझे पहला सेक्स दीप के साथ ही करना है।‘’
तभी मोना के कमरे में चुपके से उसकी भाभी आती है, मोना की भाभी देखने में ऐसी है की विद्या बालन भी फेल है उसके आगे, मोटे मोटे चूचे ले रखे है उसने अपने सीने पर और चलती है बिलकुल बलखा कर। भाभी चुपके से आती है दबे पैर और अचानक से उल्टी लेटी मोना के ऊपर गिर जाती है और उसकी मैगजीन देख लेती है। मोना हड़बड़ा और डर जाती है और मैगजीन बंद कर के देखती है की उसकी भाभी है। भाभी उसके हाव भाव देख कर हंसने लगती है। मोना “क्या भाभी बता कर आती”
उसकी भाभी हंसते हुए “तो तुम्हारे पोज कैसे देखती अगर बताकर आती तो!!”
मोना सकपकाई हुई है और भाभी उसके मजे लेती हुई “तो कौनसा पोज करोगी सुहाग रात पर संजू के साथ’’ (अपनी भौंहों को ऊपर नीचे करके शरारत से पूछती हुई)
मोना के चेहरे पर शर्म के भाव नहीं आते उसे भाभी की ये बात पसंद नहीं आई “क्या भाभी तुम भी?!”
भाभी “या फिर दीप के लिए पोज देख रही हो?!” (अबकी बार रहस्यमयी शरारती मुस्कान के साथ भौंहे उठाकर मोना की भाभी एकटक मोना को देख कर पूछती है)
मोना चौंक और डर जाती है और उठ कर बैठ जाती है, उसका दिल धड़कने लगता हैं जोर जोर से, बहुत सी शंकाएं उसके सामने आने लगी।
भाभी मोना के सामने दोनों कंधों पर हाथ रख कर बैठाती है, और खुद उसके सामने बैठ कर मुस्कुराती है और बोलती है “दीदी, तुम मुझसे डर रही हो जिसको तुम सब बाते दोस्तो कि तरह बताती हो और सारी बाते बताती हो!!”
मोना बैठी हुई सर ऊपर उठा कर “भाभी आपको कैसे पता चला!!”
भाभी अपने ब्लाउज में से पेंटी निकालती है जिसे देख कर मोना चौंक जाती है और अपने सलवार में अपने सामान की तरफ हाथ मार कर अपनी पेंटी चेक करती है, लेकिन उसकी पेंटी गायब है और वो लज्जित सी हो जाती है और मोना का गोरा मुखड़ा लाल ही जाता है।
मोना की भाभी बेड पर मोना के बगल में बैठती है और उसके कंधे पे दोस्त की तरह हाथ रखती है और मोना को रिलेक्स करने की कोशिश करती हुई उसे बताती है “दीदी, मैंने तुमको उसी दिन दीप को किस करते हुए देख लिया था जिस दिन तुमने उसे खाने पे बुलाया था, और आज भी दोपहर में मैने देख लिया था जब तुम दीप को घर के अंदर ले कर आई, फिर मैने दरवाजे से झांक कर पूरा सीन देखा तुम्हारा, देखो दीप तो अभी बचपन और जवानी की सीमा पर है वो 13 या 14 साल का होगा, और इस उम्र के बाद थोड़ी थोड़ी जवानी लड़कों में आने लगती है, लेकिन मैच्योरिटी नहीं आती, और तुम 17 साल की हो और पूरी तरह से जवान हो, और मैच्योरिटी तुम्हारे में भी नहीं है ,मैं तुम्हारी फीलिंग समझ सकती हूं, तुम जवानी के टॉप लेवल पर हो और लड़कियां तो वैसे भी जल्दी जवान हो जाती है। तुमने अभी तक सेक्स किया नहीं इसीलिए तुमको करवाना भी नहीं आया और तुम टांगे सीधी करके लेटी थी, और दीप तो तुमसे भी 4 साल छोटा है तो उसे तो पता ही नहीं होगा कि सेक्स क्या होता है! कैसे होता है!, लेकिन तुम मुझे तो पूछ लेती, मैं किसी को थोड़ी बताऊंगी! मेरे दो दो बच्चे है, मुझे अनुभव है सेक्स का पूरा।‘’
मोना पूरी बात भाभी की सुन कर फिर थोडा रुक कर बोलती है- “भाभी मैं तुमको कैसे बताती! तुम मुझे गलत समझती और ये सब करने को मना करती। लेकिन मुझे कब उससे प्यार हो गया पता ही नहीं चला!! घर वालो की इतनी सख्ती रहती है कि मैं किसी को देख भी नहीं सकती और मेरे जवान होते ही मेरा रिश्ता भी तय कर दिया। लेकिन मुझे दीप से प्यार हो गया है। और मैं अपना सब कुछ पहले दीप को ही देना चाहती हूँ।“
भाभी मोना की जांघो पर हाथ रख कर- “ये प्यार नहीं है हवस है, और इस हवस को पूरा करने में मैं तुम्हारी हेल्प करूंगी। लेकिन एक शर्त है!”
मोना “वो क्या भाभी!”
भाभी “तुमको शादी संजू से ही करनी होगी और दीप से प्यार में तुम्हारी शादी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए!”
मोना खुश होकर भाभी के गले मिलते हुए- “ठीक है भाभी,,थैंक यूं भाभी हेल्प के लिए , लेकिन दीप को मैं सच मे प्यार करती हूं।“
भाभी “हां ठीक है, समझ गई, लेकिन मेरी एक और शर्त है!”
मोना चौक कर “वो क्या भाभी!”
भाभी “दीप के साथ मैं भी सेक्स करना चाहती हूं।‘’
मोना चौंक कर टेडी नजरों से अपनी भाभी को देखते हुए- ‘’भाभी दीप मेरा है और कोई भी लड़की कैसे अपने आशिक को किसी दूसरी लड़की के साथ सोता देख सकती है!!’’
मोना की भाभी ‘’मुझे सोना नहीं उसके साथ सेक्स करना है, मेरी भी तो इच्छाए है! और वैसे भी मेरे बिना तुम दीप के साथ सेक्स नहीं कर पाओगी.. ।‘’
मोना भाभी को छेड़ते हुए उसकी कमर में चूटती हुए- “हे भाभी,,, तुम भी बड़ी रंगीली निकली!! फिर दोबारा कमर में चूटती है मोना की भाभी मचलती है। ‘’लेकिन पहले मैं करूंगी इसके बाद आप कर लेना। लेकिन भाभी दीप राजी होगा आपके साथ करने को!! वो तो वैसे भी बहुत शर्मिला है।‘’
भाभी “बस तुम अपना काम करने के बाद उसे मेरे हवाले कर देना, फिर देखना कैसे उसे जन्नत की और खुद को स्वर्ग की सैर करवाती हूं।“
मोना- भाभी उसे सेक्स करना भी तो सिखाना पड़ेगा ताकि हमें आसानी हो!! ये कैसे करेंगे!!’’
भाभी- ‘’उसकी चिंता मर करो मेरे पास CD है ब्लू फिल्म की, CD प्लेयर में लगा कर टीवी पर दिखा देना तुम उसे। फिर वो गर्म भी रहेगा और उसमे इच्छा भी उत्पन्न होगी और थोडा सीख भी जायेगा, बाकी मैं सिखा दूंगी।‘’
मोना “भाभी एक बात पूछूं!”
भाभी “पूछो”
मोना “भईया आपको मजे नहीं देते क्या, जो आप मेरे दीप के साथ करने को कह रही हो!!”
भाभी “तेरे भईया को तो सेक्स करना आता ही नहीं, मुझे आज तक भी झाड़ नहीं पाए वो, उनको तो बस अपना मजा लेना होता है, रात को दारू पी कर आते है मेरे साड़ी ऊपर उठाते है फिर पेटीकोट उठाते है फिर मेरी टांगे उठाते है, चूत मे मेरी लंड डालते है, दो चार धक्के लगाते है, फिर उनका झड़ जाता है, हट जाते है फिर ऐसे थक कर सो जाते है कि जैसे पूरी रात खेत मे हल जोता हो। ना किस(Kiss) करते है, ना मेरी चूचियों को छेड़ते है, मैं कुछ करूं भी तो वो करने भी नहीं देते। और पता है एक बार तो शादी के बाद शुरू-शुरू मे जब मैने तेरे भईया के साथ हरकते शुरू की तो उनका तो कच्छे में ही झड़ गया था। जबसे जवान हुई हूं तबसे लेकर अब तक प्यासी हूं,, मैं तो शादी से पहले भी नहीं कर पायी, कई आशिक थे मेरे पीछे, लेकिन तुम्हारी तरह मुझ पर भी घरवालो का डंडा था, किसी लड़के से बात नहीं कर सकती थी, बहुत लव लेटर आये मेर्रे पास, लेकिन किसी को जवाब नहीं दे सकी, मेरी चूत को सुख ना शादी से पहले मिला ना शादी के बाद, लेकिन शायद अब मिल जाए तेरे आशिक दीप के साथ।
मोना “तो भाभी आपको लगता है कि दीप आपकी प्यास बुझा देगा!”
भाभी “100% बुझा देगा, और मैं उसके साथ जैसे चाहे खेलूंगी उससे, उसके होंठों को चूमूंगी, उससे अपनी चूचियां दबवाऊंगी, उसे अपनी चूचियां पिलाऊंगी, अपनी चूत उससे चटवाऊंगी, उसका लंड मुंह में लेकर चूसूंगी, फिर उसे लेटा कर उसके ऊपर बैठ कर अपनी चूत मे उसका लंड लूंगी, फिर मैं लहरा लहरा कर धक्के लगाऊंगी। शादी से पहले किसी से प्यार नहीं कर पाई, लेकिन दीप को मैं जम कर प्यार करूंगी।“
मोना को मजा भी आता है भाभी की बाते सुन कर और जलन भी हो रही है भाभी से कि क्यूं उसने अपने दीप को अपनी भाभी को सौंपने को राजी हो गई!!
भाभी मोना की जलन को समझ जाती है और फिर बोलती है “दीदी तुमको एक बात और बताऊं!!”
मोना बुझे मन से अपने सूट के किनारे को मोड़ते हुए “हां बताओ भाभी।“
भाभी मोना की जांघ पर हाथ रख कर “दीप केवल 13 साल का है और उसका वीर्य अभी बना नहीं होगा, इसीलिए उसके साथ जितना मर्जी सेक्स कर लो उसका झड़ेगा नहीं, और मजे इतने मिलेंगे कि तुम जिंदगी भर याद रखोगी, इसीलिए मैने भी तुमसे दीप मांगा है, और जो बाते मैं बता रही थी कि मैं ऐसे ऐसे करुंगी दीप के साथ तो वो मैं तुमको समझा रही हूं कि तुम ऐसे भी ही करना बिल्कुल जैसे मैने बताया है शुरू से लेकर एंड तक। और हां जब दीप के नीचे लेटो तो अपनी टांगे उठा लेना ताकि लंड उसका सीधा अंदर जाए।‘’
मोना “हाँ भाभी यहां से जाने के बाद पार्क में दीप भी टांगों की ही बात कर रहा था।“ शायद उसे पता चल गया था कि मुझे टांगे उठानी थी।“
भाभी “हां उसे छेद ही नहीं मिल रहा होगा तुम्हारी चूत का।(हंसती है) और सुनो दीदी जब पहली बार तुम्हारी चूत मे लंड जाएगा तो ख़ून निकलेगा, और तुम पहली बार लेट कर ही सेक्स करना।“
मोना “हां भाभी पता है मुझे, खून निकलता है, सील टूटने पर।“
भाभी “तुमको कैसे पता चला कि खून भी निकलता है, सील टूटती है!” ( मोना की कमर पर मार कर छेड़ते हुए)
मोना “भाभी मेरी सहेली है ना मंजू, वो चुद चुकी है अपने आशिक से, स्कूल के बहाने चुदने जाती है, और हफ़्ते में एक बार आती है स्कूल और हमें अपनी चुदाई की कहानियां सुनाती है पूरे महीने की और हमें गर्म कर देती है और हमारी चूत लुप-लुप करने लगती है और चूचियां अकड़ जाती है।“
भाभी हंसती है उसकी और कहती है “तभी ये हवस दीप को फंसाने के काम आई है!”
मोना शर्माते हुए “ऐसी बात नहीं है भाभी, दीप सच में प्यारा है और समझदार भी है, वो सामने वाले की इज्जत करता है। इसीलिए मुझे उससे प्यार है।‘’
भाभी मोना को छेड़ते हुए “और अब तुम उसे इज्जत लेना भी सिखा दोगी!”
मोना शर्माते हुए “भाभी तुम भी ना,,” लेकिन भाभी एक बात तो बताओ हम दीप के साथ कैसे करें और कहां करे!!”
भाभी “यहीं घर पर ही करेंगे।“
मोना “भाभी,, यहां तो मम्मी रहती है, छोटे भईया भी आते जाते रहते है, कैसे होगा फिर!! और पूरा दिन चाहिए हमे तो करने के लिए।“
भाभी “तुम बस दीप को सेट करके रखो, अगले संडे, तुम्हारी बुआ की लड़की की गोद भराई है, वहां सब जाएंगे, और राजस्थान जायेंगे तो 2 दिन तो लगेंगे ही और 2 दिन तक हम दोनों कई बार मजे लेंगे।“
मोना “लेकिन भाभी वहां तो तुम भी जाने वाली हो, फिर!!”
भाभी “दीदी,, तुमको अकेले-अकेले मजे नहीं लेने दूंगी,, मैं नहीं जा रही, मैने तो बहाना भी सोच लिया है।“
मोना “क्या सोचा भाभी!!”
भाभी “वो तो तुमको बाद में बताऊंगी,, अभी तुम दीप को सेट करो, उसका इंजन गर्म करती रहो,, और अगले संडे और मंडे के लिए तैयार कर लो बस।“
मोना “ठीक है भाभी।“ ( भाभी के लगे लग कर उसके गाल पर पप्पी लेकर भागती है बाहर की तरफ मोना)
भाभी हंसती हुई अपने आप से बोलती है “ये लड़की भी लंड के चक्कर में बावरी हो गई है।“
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मोना की सेक्स प्लानिंग
शाम 5 बजे पार्क में।
आज मोना बहुत ही बेसब्री से पार्क की बेंच पर बैठी दीप का इंतज़ार कर रही है पार्क में। प्रतीक्षा की व्याकुलता मोना की खुशी में बदलती है जब वो पार्क में दीप को आता हुआ देखती है, दीप आज बन ठन कर आया है, दीप की नजर भी मोना के ऊपर पड़ती है और फिर मोना दीप को देख कर हाथ हिलाती है, दीप भी हिलाता है, और धीरे धीरे बढ़ते हुए वो मोना के पास आ रहा है, मोना को दीप आज कुछ अलग अलग सा लग रहा है, और बहुत स्मार्ट भी।
दीप मोना के पास आ जाता है, और मोना अपना हाथ बढ़ाती है दीप हाथ पकड़ लेता है और मोना खींच कर उसे अपने पास बैठा लेती है। मोना हाथ पकड़े पकड़े दीप की आंखों में देखती रहती है, आज दीप भी मोना की आंखों में देख रहा है, वो शर्मा नहीं रहा है।
दीप “मोना डार्लिंग क्या देख रही हो!!”
मोना चौंकती है और आश्चर्य और खुशी से हंसती है फिर बोलती है “क्या दीप तुमने मुझे डार्लिंग कहा!! मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा,, और आज तो तुम बहुत स्मार्ट बन कर आए हो!! क्या तुमको भी मुझसे प्यार हो गया है!!”
दीप शर्माते हुए “हां”
मोना की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता, मोना “मुझे गले लगना है तुम्हारे दीप इस ख़ुशी में,, क्या ले लूँ तुमको बाहों में!!”
दीप हां में सर हिलाता है। और मोना इधर उधर देख कर ये सुनिश्चित करती है की कोई पार्क में उसे देख तो नहीं रहा! और ये सुनिश्चित करने के बाद मोना बेंच पर बैठे हुए ही दीप को अपनी बहो में जकड लेती है लगभग दस से बीस सेकेण्ड के लिए, फिर अलग हो जाती है, क्यूंकि पार्क में लोग आते जाते रहते है कोई देख ना ले।
फिर मोना दीप से पूछती है- “तुम्हारे दोस्त और रवि और नीरज भईया नहीं आ रहे है क्या आज!!”
दीप “पता नहीं मैं उनसे पहले बिना बताए आ गया।“
मोना “ठीक करा तुमने, वैसे भी वो हमारे प्यार में कबाब में हड्डी है।‘’
दीप कुछ नहीं बोलता।
मोना बैंच पर से उठती है और दीप का हाथ पकड़ती है “चलो दीप हम अकेले में चलते है।“
दीप उठता है और पूछता है “कहां!!”
मोना उसे हाथ पकड़ कर ले जाते हुए “चलो तो सही”
मोना उसे अपने घर ले जाती है, वहां मोना की मम्मी और भाई से दीप नमस्ते करता है। मोना का भाई घर से बहार जा रहा है।
मोना की मम्मी पूछती है “आज तुम्हारे दोस्त नहीं आए बेटा!”
तभी मोना बोलती है “हां मम्मी वो नहीं आए तो मैं दीप को घर ले आई, ऊपर के कमरे में बैठ कर हम कैरम खेलेंगे।“
मोना की भाभी भी मुस्कुराते हुए बोल पडती है- “हां हां चलो खेलेंगे तीनों मिलकर।“
मोना भाभी की तरफ आंखे फाड़ कर देखती है ‘’चलो आ जाओ तुम भी।‘’
मोना की भाभी जानती है की मोना अकेले में दीप के साथ समय बिताना चाहती है, इसीलिए वो नहीं चाहती की मैं भी साथ में आऊ।
मोना दीप को ऊपर ले जाती है और पीछे पीछे भाभी भी आती है, मोना भाभी के कमरे में दीप को लेकर आती है और उसे बेड पर बैठने को बोलती है, पीछे पीछे भाभी भी आ जाती है।
मोना की भाभी अपने कमरे में अलमारी के पीछे से कैरम बोर्ड निकलती है और बेड पर बिछा देती है, और गोटियां सजा देती है।
भाभी “मोना तुम भी ऊपर को बैठ जाओ, और दीप तुम इधर बैठ जाओ।“
मोना भाभी को टेडी नजर से देखती है, भाभी मुस्कुरा रही है, और मोना के पास आ कर बेड पर बैठ जाती है। मोना का ध्यान दीप पर है और उसके दिमाग में दीप को किस(kiss) करने का चल रहा है।
तभी मोना की भाभी बोल पड़ती है “दीदी तुम चलोगी पहली चाल या दीप चलेंगे!”
मोना अपनी भाभी को कमरे से टरकाने की कोशिश करती हुई “भाभी तुमको ऊपर जाना था ना कपड़े उतारने!! पहले वो उतार लाओ फिर खेलेंगे।“
भाभी अन्दर ही अन्दर मुस्कुरा रही है और फिर बोलती है “नहीं नहीं दीदी मेरा काम तो सारा हो गया, चलो तुम चलो पहली चाल।“
मोना स्ट्राइकर लेती है मुंह बनाकर और चाल चलती है। फिर बारी आती है मोना की भाभी भी चाल चलती है और एक गोटी निकाल देती है। फिर दीप की बारी आती है, वो स्ट्राइकर लेकर चाल चलता है।
मोना धीरे से भाभी के कान की तरफ मुंह करके धीरे से रिक्वेस्ट करती है- “भाभी थोड़ी देर के लिए चली जाओ plz,,।“
भाभी उसकी बात को अनसुना करने का नाटक करती है, और चाल आ जाती है मोना के पास, मोना बुझे मन से स्ट्राइकर से चाल चलती है, फिर भाभी की बारी आती है, और वो कुछ याद आने का नाटक करते हुए “दीदी मुझे नीचे जाना होगा, मैं सब्जी छौंकना तो भूल ही गई, तुम खेलो जब तक मैं आती हूं दस मिनिट में।“
इतना कह कर भाभी बेड से नीचे उतरती है और बेड पर बैठी मोना के एक कंधे पर हाथ रख कर उसके कान की तरफ झुक कर मोना से धीरे से बोलती है “तुम आराम से दीप के साथ अपना छौंका लगा लो, मैं बाहर ही हूं, कोई आएगा तो मैं तुम्हारा नाम तेजी से बोल दूंगी।“
मोना होंठो से बिना आवाज के अपनी भाभी को थैंक यूं बोलती है और हां में सर हिलाती है।
भाभी बाहर चली जाती है और गेट बंद कर देती है, और सीढ़ियों के पास खड़ी हो जाती है।
भाभी के जाते ही मोना रोमांटिक हो जाती है और दीप से बोलती है
“जानेमन कैरम खेलोगे या मेरे जिस्म के साथ खेलोगे!”
दीप “भाभी आ जाएंगी तो!”
मोना कैरम बोर्ड को साइड में करती है और दीप के पास आ कर “वो अभी नहीं आएंगी।“
और दीप को बेड पर गिरा देती है और दीप के ऊपर लेट जाती है, दीप के सीने पर मोना की कसी हुई चूचीयां टच होती है और उसका लंड खड़ा हो जाता है। मोना दीप के होंठों के पास अपने हाथ लाती है और दीप से बोलती है “तुम्हारे होंठो को चूम लूं आपको मेरी जान!!”
दीप भारी सांसों से “हां,,”
मोना दीप के नीचे वाले होंठो को अपने दोनों होंठो में पकड़ कर चूसने लगती है, और अपनी जीभ को दीप के मुंह के अंदर ले जाने की कोशिश करते हुए दीप को चूसती है फिर बोलती है “दीप अपना मुंह तो खोलो थोड़ा।“
दीप अपना मुंह खोलता है और मोना अपना मुंह दीप के मुंह में डाल कर अपनी जीभ से दीप के मुंह को पूरा चाट जाती है, दीप से फिर बोलती है “दीप अपनी जीभ बाहर निकालो।“
दीप अपनी जीभ बाहर निकालता है और मोना दीप की जीभ लॉली पॉप के जैसे चूसने लगती है, काफी देर जीभ चूसने के बाद मोना अपनी जीभ दीप के मुंह में घुसेड़ देती है, और दीप भी मजे से मोना की जीभ को चूसने लगता है।
अब मोना दीप को पकड़ कर पलटती है और अब दीप मोना के ऊपर और मोना नीचे हो जाती है, मोना दीप के दोनों हाथों को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी दोनों चूचियों पर रखवाती है, मोना “दीप इनको दबाओ”
दीप दबाने लगता है। मोना “दीप तुम भी kiss करो मुझे’’ तो दीप भी kiss करने लगता है। मोना अपने दोनों हाथों से दीप की टीशर्ट कमर से ऊपर करती है और टीशर्ट में हाथ घुसा कर उसकी पीठ पर फेरती है। मोना दीप के सर को पकड़ के अपनी गर्दन पर ले आती है और दीप से गर्दन को चूमने को बोलती है, दीप गर्दन पर मोना की चूमने लगता है, मोना फिर दीप के मुंह को अपनी चुचियों के बीच में लाती है और चूमने को बोलती है, और अपनी सूट चूचियों से नीचे की तरफ खींचती है ताकि चूचियां ज्यादा दिखाई दे।
भाभी बाहर खिड़की से देख रही है और भाभी की चूचियां भी तन जाती है,और भाभी भी धीरे धीरे गर्म हो रही है। भाभी अपने आप को संभालती है और नीचे सीढियों से कमरे की और मुंह करके बोलती है मम्मी जी, संडे मंडे जाने की बात कर लो।
मोना एक दम से चौंक जाती है और दीप भी हट जाता है, मोना समझ जाती है कि भाभी ने दीप से संडे और मंडे को घर आने की बात करने के लिए एक इशारा किया है। फिर मोना रिलेक्स होती है, और दीप को फिर अपने ऊपर गिरा लेती है और बोलती है “दीप,, ओ मेरे दीप,,”
दीप “बोलो,, मोना भाभी।“
मोना “मोना भाभी नहीं केवल मोना”
दीप “बोलो मोना।“
मोना “जानू, इस संडे और मंडे तुमको घर पर आना है।‘’
दीप “क्यूं!”
मोना “क्यूं क्या, मजे करेंगे, सुबह ही आ जाना दस बजे और शाम को चले जाना।“
दीप “मम्मी नहीं भेजेगी इतनी देर के लिए, और मंडे में तो स्कूल जाना है।“
मोना “तुम्हारी मम्मी से मै बात करने आ जाऊंगी।“
दीप “क्या कहोगी मम्मी से?”
मोना “यहीं की, मेरे यहां मेरी मौसी के बच्चे आए हुए है दो दिन के लिए और दीप को खेलने भेज देना, वैसे भी तुम्हारी मम्मी मुझे जानती है, मेरी सास ने एक दिन मिलवाया था, मुझे मना नहीं करेंगी।“
दीप “मंडे का कैसे करोगी!!”
मोना “मैं तुम्हारी मम्मी से कह दूंगी कि मंडे में हम बच्चों को घुमाने लेके जाएंगे तो दीप की छुट्टी करवा देना और वो भी हमारे साथ चलेगा।“
दीप “ठीक हैं तो कल आ जाना आप घर पे।“
मोना “फोन तो तुम्हारे पापा ले जाते होंगे l, वर्ना मैं फोन पर ही कह देती।“
दीप “हां फोन तो ले जाते है पापा, लेकिन उनको पता चलना नहीं चाहिए, मम्मी भी उनको नहीं बताएगी कि मैं आपके घर में हूं।“
मोना “वो क्यों!!”
दीप “वो न आने जाने देते ऐसे किसी के भी घर।“
मोना “किसी के भी!! कह देना मेरा ससुराल है ये घर और मैं अपनी वाइफ के पास जा रहा हूं तुमको पोता देने” इतना कह कर हंसती है, और अपने ऊपर लेते हुए दीप को फिर अपने होंठो के कस खींच कर फिर kiss करती है।
भाभी खिड़की के देख रही है और अब जब दीप के आने की बात हो गई है तो वो गेट बजा देती है, और मोना के ऊपर से दीप एक दम से हट जाता है और मोना भी बैठ जाती है और कैरम को अपने पास खिसका लेती है, दीप भी कैरम के सामने बैठ जाता है जहां पहले बैठा था।
भाभी अन्दर आ जाती है और कैरम देख कर “अरे तुम खेल नहीं रहे थे क्या!!”
मोना “नहीं भाभी आपका वेट कर रहे थे, कि एक साथ ही खेलेंगे।“
भाभी “अच्छा जी!!” आकर बेड पर पालती मार कर बैठती है और मोना के कानो में, ‘’खेल ली दीदी कैरम!”
मोना भी भाभी के कान में “हाँ भाभी, लेकिन अभी गोटी कैरम के छेद में जानी बाकी है।“
फिर दोनों खामोशी से खिलखिलाती हुई हंसती है।
भाभी मोना के कान में फिर से “दीदी अब तुम चली जाओ बाहर, मैं भी दीप के साथ अकेले में थोड़ा कैरम खेल लूं!!”
मोना टेडी नजरों से भाभी को देखते हुए “भाभी,,,, “
भाभी मुस्कुराते हुए मोना की जांघ पर हाथ मारते हुए, “ठीक है संडे में खेल लूंगी।“
-*****-
अगले दिन- दीप के घर पे मोना पहुँचती है।
मोना दीप की मम्मी से ‘’आंटी जी नमस्ते’’ (पैर छूते हुए)
दीप की मम्मी ‘’नमस्ते बेटी,, तुम तो रवि की भाभी हो ना!!’’
मोना ‘’हाँ आंटी, लेकिन अभी हुई नहीं हूँ।‘’
दीप की मम्मी ‘’हाँ, हो जाएगी जल्दी ही। आजा बैठ,,, संतोष भाभी को बहुत ही सुन्दर बहु मिल गई,, दीप तेरी तारीफ करता है बहुत।‘’
मोना थोडा मुस्कुराती हुई ‘’अच्छा क्या बताते है दीप आपको मेरे बारे में!’’
दीप की मम्मी ‘’यहीं की, भाभी बहुत अच्छी है, सुन्दर है, प्यार करती है सबको,,’’
मोना ‘’सबको नहीं केवल दीप को.. मतलब,, दीप सबसे समझदार है सब बच्चों में इसीलिए..’’
दीप की मम्मी ‘’अच्छा,,!! मुझे तो ना लगता ये कहीं से समझदार.. । एक महीने से तो ज्यादा ही पागल हो गया है। कहो कुछ करे कुछ।‘’
मोना अपने होंठो से हरकते करते हुए अपने मन ही मन बोलती है- ‘’ये सब मेरे प्यार का नशा है आंटी,,,’’
फिर मोना तेज बोलती है- ‘’कोई बात नहीं आंटी मैं और ज्यादा समझदार बना दूंगी इन्हें,,’’
दीप की मम्मी ‘’हाँ समझती रहा कर इसे, ये रवि के यही जाता है ये बस,,
चल बैठ चाय बना दूँ,,।
मोना ‘’नहीं नहीं मम्मी,, सॉरी आंटी..’’
दीप की मम्मी ‘’कोई बात नहीं, आंटी कह ले या मम्मी कह ले, संतोष भाभी की बहु तो हमारी भी तो बहूँ हुई,,!’’
मोना पूछती हुई – ‘’तो मैं आपको मम्मी जी कह सकती हूँ !!’’
दीप की मम्मी ‘’हाँ, हाँ कह सकती है।‘’
मोना ख़ुशी से दीप की मम्मी के गले लगती है और दीप की तरफ देख कर आँख मारती है।
फिर मोना ‘’मम्मी जी दीप को रविवार और सोमवार को मेरे घर पर भेज देना सुबह ही और शाम तक के लिए।‘’
दीप की मम्मी ‘’दावत कर रही है क्या !!’’
मोना ‘’दीप की तो दावत ही रहती है मेरे यहाँ पर,, वो क्या है मम्मी जी मेरे रिश्तेदार के बच्चे आये हुए है तो मैं चाहती हूँ की दीप भी दो दिन मेरे यहाँ ही रहे, ताकि बच्चों का मन लग जाए, क्यूंकि मेरे घर वाले और मेरे रिश्तेदार जो आये है, कहीं जा रहे है बाहर शादी में तो बच्चे और मैं और भाभी घर पे ही रहेंगे।‘’
दीप की मम्मी ‘’हाँ कोई बात नहीं लेकिन सोमवार का तो स्कूल रहता है इसका, स्कूल से आने के बाद भेज दूंगी।‘’
मोना ‘’मम्मी जी, अभी-अभी तो स्कूल खुले है, पढ़ाई भी हो नहीं रही है, तो सोमवार की छुट्टी करवा देना।‘’
दीप की मम्मी ‘’चल ठीक है,,, रवि और नीरज भी आयेंगे ही उनके साथ आ जायेगा।’’
मोना को ये ही डर था की दीप की मम्मी उनका ही नाम ना ले दे! लेकिन वो बहाना बनाने की कोशिश करती है।
मोना ‘’मम्मी जी, आप उनको बताना भी नहीं, ना मम्मी जी और ना उनकी चाची जी को भी, क्यूंकि उनके घर तो मेरा रिश्ता ही हुआ है तो मेरी मम्मी मना करती है की अभी ज्यादा आना-जाना घर में ना हो क्यूंकि कहीं रिश्ते पर बात ना आ जाये कोई!’’
दीप की मम्मी ‘’तो तेरी मम्मी दीप के लिए मना नहीं करती!’’
मोना ‘’नहीं दीप तो रवि का दोस्त है ना, कोई रिश्तेदारी तो है नहीं!! और वो बच्चे ज्यादा शैतानी करते है और दीप सीधा है, तो मेरे घरवाले भी दीप का ही घर आन पसंद करते है।‘’
दीप की मम्मी ‘’हाँ बच्चे तो मेरे सीधे ही है, चल ठीक है भेज दूंगी।‘’
मोना ख़ुशी से ‘’थैंक यू मम्मी जी,, अच्छा नमस्ते।‘’
मोना दीप की मम्मी के पैर छूती है और फिर चली जाती है।
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क्या मोना भाभी की हवस होगी पूरी!!
रविवार का दिन।
आज वो दिन आ गया जिसकी प्रतीक्षा मोना बड़ी ही व्याकुलता से कर रही थी।
मोना सुबह ही उठ गई थी, उसके घर वाले सुबह 5 बजे की ट्रेन से राजिस्थान निकल चुके है, अब घर पर केवल मोना और उसकी भाभी ही अकेली बची है, भाभी के दोनों छोटे बच्चे भी अपनी दादी-दादा और पापा-चाचा के साथ निकल चुके है।
मोना ने आज नाश्ता बनाया है स्पेशल दीप के लिए, और अब 10 भी बज चुके है लेकिन दीप अभी तक नहीं आया है।
भाभी मोना की व्याकुलता समझती है और उसके कंधे पर हाथ रख कर बोलती है ‘’दीदी इतना भी बेसब्र मत हो, दीप आ जायेगा।‘’
मोना ‘’भाभी 10 से ऊपर हो गए है, अभी तक दीप नहीं आये! मुझे तो चिंता हो रही है।‘’
मोना की भाभी ‘’ओहो, मेरी दीप की दीवानी, रस्ते में होगा आ जयेगा, तुम क्यूँ परेशान हो रही हो! मैं भी तो अन्दर से व्याकुल हूँ। मुझे भी जल्दी है, लेकिन थोडा इंतजार करो आ जयेगा।‘’
11 बजने वाले है, लेकिन दीप अभी तक नहीं आया, मोना अब ज्यादा ही बैचेन हो गई है, वो भाभी से कहती है, ‘’भाभी अगर दीप 11 बजे तक नहीं आये तो मैं उनको लेने चली जाउंगी उनके घर।‘’
भाभी ‘’दीदी इतनी जल्दी मत करो, क्या पता क्यूँ नहीं आया अभी तक! थोडा और इन्जार करो, उसके पापा या मम्मी ने रोका हो किसी काम के लिए, या कहीं भेजा हो उन्होंने कुछ लेने के लिए, आज तो वैसे भी सन्डे है, छुट्टी पर होते है बहुत लोग, तुम थोडा इन्तजार और करो।‘’
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घडी में 11:30 बज गये है मोना घडी देखती है और सोफे पर से उठ कर पागलो की तरह बोलती और हरकत करती हुई- ‘’भाभी मुझसे रहा नहीं जा रहा अब, मुझे आज करना जरूर है, मेरे तो पीरियड्स की भी डेट आने वाली है, कभी भी हो सकते है, मैं नहीं रह सकती, मैं जा रही हूँ दीप के घर, उनको लेने।‘’
मोना को उसकी भाभी पकडती हुई सोफे पर बैठती है और पसीने-पसीने हो रही मोना को पानी पिलाती है, फिर बोलती है – ‘’दीदी, कितनी गर्मी है तुम्हारे में!! यार कितनी आग कितनी हवस है तुम्हारे में! तुम तो पागल सी हुई पड़ी हो! ऐसा क्या हो गया तुम्हे! क्या दिख गया दीप में तुम्हे! इतनी हवस भी ठीक नहीं है दीदी,, सही कह रही हूँ मैं।‘’
मोना का चेहरा पसीन से तर हो रहा है, वो भाभी को बड़े दुखी मन से देखती है, फिर घडी की तरफ देखती है 12 बजने वाले है, फिर पास बैठी भाभी की तरफ देखती है और रोने लगती है, भाभी उसे चुप कराती हुई ‘’दीदी,, ओ दीदी, तुम तो सच में रो रही हो!’’
मोना का सर भाभी की गोद में और वो रोते हुए ‘’भाभी,, मेरे दीप को बुला दो,, नहीं तो मैं जा रही हूँ उन्हें लेने।‘’
भाभी मोना के सर पे हाथ रखे हुए उसे चुप करते हुए, ‘’ठीक है चली जा ना पहले अपना हुलिया ठीक कर लो।‘’
तभी मोना के घर की डोर बेल बजती है, मोना चौंकती और फिर खुश होते हुए बाहर के गेट की तरफ भागती है, और जैसे ही दरवाजा खोलती है सामने देखती है की संजू, उसकी बहन और उसकी चाची खड़े है। उनको देख कर उसका दिमाग घूम जाता है, सर चकराने लगता है, मोना का दिल जोर से धड़कने लगता है, वो मन ही मन इन सबको गाली दे रही है, उसका सारा प्लान खराब हो गया ऐसा उसे लग रहा है, मोना निराश हो गयी है बहुत ज्यादा।
मोना को काफी देर तक परेशान देख कर संजू की चाची गेट के अन्दर आ कर मोना को कंधे से पकड़ कर नोलती है ‘’मोना,, बेटा तबियत तो ठीक है तेरी!!’’
मोना वापस वास्तविक दुनिया में आती है बोलती है ‘’चाची-दीदी आप लोग!!’’
संजू की बहन ‘’भाभी क्या हो गया आपको आपके चेहरे पर तो निखार आना चाहिए रिश्ते का, लेकिन चेहरे पर तो बारह बजे है!’’
तभी मोना की भाभी आ जाती है और सबको नमस्ते करती है – ‘’चाची जी आइये अन्दर, संजू आपने तो मोना को चौंका ही दिया अचानक आ कर!!’’
संजू- ‘’हाँ हम चौंका ही देते है सबको,,’’ मोना की ओर शरारत से देख कर।
संजू उसकी चाची- और बहन अन्दर आते है, उनके हाथ में काफी सारा सामान है थैलों में। मोना की भाभी मोना के कोहनी मार कर इशारा करती है कुछ तो मोना जल्दी से भागती हुई अन्दर जाती है और बेड पर पड़ी अपनी चुन्नी उठा कर ओढती है और सर पर पल्ला रखती है, मोना की भाभी आये मेहमानों को बैठक वाले कमरे में ले जा कर सोफे पर बैठाती है और फिर मोना आती है और संजू की बहन और चाची के पैर छूती है।
मोना दूर हो कर बैठती है और मोना की भाभी मोना के लिए झूठ बोलती है ‘’चाची जी मोना दीदी की आज तबियत खराब है बहुत, चक्कर खा कर सुबह गिर भी गई थी,सर फट रहा था दर्द से इनका आज, बुखार भी था।
तभी संजू बोल पड़ता है – ‘’अरे तो चलो दवाई दिलवा कर लाता हूँ तुमको।‘’ सोफे पर से उठते हुए।
तभी मोना की भाभी बोल पड़ती है बनावटी मुंह के साथ- ‘’दिलवा दी,,, दिलवा दी संजू जी,,दवाई,, आपकी घर वाली को, चिंता मत करो,, खा कर सो ही तो रही थी तभी आप लोगों की बेल बजी और मैं काम कर रही थी। तो दीदी ने गेट खोला‘’
संजू की बहन – ‘’भाभी ऐसे बीमार रहोगी तो कैसे काम चलेगा !!’’ हंसती है।
संजू की चाची काम की बात करती है फालतू की बात काट कर- ‘’तीज आ रही है ना,, तो हमारे यहाँ बहु के लिए मीठा, फल और कपडे जाते है तो वो ही लेकर आये है,, हमारी समधन जी कहाँ है?’’
मोना की भाभी ‘’वो जरा कहीं गये है किसी काम से।‘’
संजू बोल पड़ता है ‘’बाहर गये है क्या कहीं ?’’
मोना संजू को मन ही मन बोलते हुए ‘’इसे देखो कैसे खुश हो रहा है घरवालो के बहन जाने के नाम पर !!’’
मोना की भाभी बोलती हो – ‘’नहीं-नहीं यही लोकल में ही गए है किसी जानने वाले को देखने गए है आ जायेंगे एक-दो घटे में।‘’
संजू की चाची बोलती है ‘’कोई बात नहीं, मोना तो है गी यहाँ पर, और सामान तो हम अपनी बहु के लिए ही लाये है, मोना आ जाओ आगे और अपनी चुन्नी आगे करो’’
मोना वैसे ही करती है, फिर संजू की बहन सामान लेकर जाती है मोना के पास और उसकी चुन्नी में सामान रखती है और मिठाई के डब्बे में से मिठाई निकाल कर खिलाती है।
मोना की भाभी मोना के पास आती है और सारा सामन ले कर एक जगह रखवा देती है।
फिर मोना की भाभी बोलती है ‘’आप बैठो मैं नाश्ता और चाय बना कर लाती हूँ आपके लिए।’’
तो मोना बोल पड़ती है आराम से भाभी से अपनी ‘’भाभी आप बैठो मैं बना कर लाती हूँ।‘’
मोना की भाभी ‘’ठीक है, तुम ही बनाओ अपने हाथो से अपने ससुराल वालो के लिए और संजू के लिए।‘’
मोना की भाभी हंसती है और मोना शर्माने का नाटक करती है, थोडा मुस्कुरती है और रसोई की तरफ चली जाती है।
थोड़ी देर में ही मोना नाश्ता और चाय ले आती है और उसकी भाभी और मोना सबको नाश्ता परोसती है, मोना संजू को चाय देती है और संजू चाय लेते हुए मोना को एकटक दखता है मोना नजरे नीची कर लेती है।
सबका चाय नाश्ता हो जाता है, संजू और संजू की चाची-बहन मोना की भाभी और मोना से विदा लेते है, और सब बाहर की तरफ जाते है, मोना की भाभी और मोना भी पीछे-पीछे उनको छोड़ने आते है, मोना संजू की चाची और बहन के पैर छु कर विदा लेती है, मोना की भाभी भी सबको नमस्ते करती है। सब चले जाते है, मोना की भाभी गेट बंद करती है, मोना अन्दर रूम में जाती है और चुन्नी उतार बेड में फैंकती है और सोफे पर बैठती है और गहरी सांस लेती है आँखों को बंद करके।
मोना की भाभी भी पीछे-पीछे आ जाती है और मोना के पास में बैठ जाती है, और मोना से बोलती है- ‘’तुम्हारे ससुराल वाले भी अचानक ही आ गए यार,,’’
मोना बुझे मन से ‘’लेकिन भाभी दीप नहीं आया,,,’’
मोना की भाभी ‘’अरे दीदी, ये तो अच्छा ही हुआ की दीप नहीं आया, ये आने वाले थे हमें तो पता ही नहीं था! अगर दीप आ जाता और ये लोग देख लेते दीप को तो क्या सोचते! जो होता है अच्छे के लिए ही होता है।‘’
मोना ‘’भाभी क्या अच्छा हुआ !! जिसे आना था वो आया नहीं अभी तक, और जिसको नहीं आना चाहिए था वो आ गये, मुझे तो बहुत गुस्सा आया इनको देख कर। बता कर तो आना चाहिए था!’’
मोना की भाभी ‘’अरे दीदी, वो तो तुमको सरप्राइज देना चाहते होंगे! इसीलिए नहीं आये बता कर।‘’
मोना ‘’पागल है साले मेरे सासुरल वाले, मेरा सरप्राइज तो दीप है, मैं जा रही हूँ उनको लेने।‘’
मोना खड़ी होती है और वाशरूम जाती है, अपना मुंह धोती है, शीशे के सामने जाकर अपना हुलिया ठीक करती है, फिर रूम में वापस आती है, भाभी कहती है ‘’दीदी देख लो दीदी थोड़ी देर और,,’’ मोना कुछ नहीं बोलती और मेकअप करने लगती है।
मोना मेकअप करके बिलकुल टंच हो जाती है और नया लाल रंग का पटियाला सूत पहन लेती है, उसके गोर बदन लाल रंग के सूट में मोना का गोरा रंग और ज्यादा चटख दिख रहा है, मोना की आधी चूची बाहर निकल रही है उस सूट में, बिलकुल प्रियंका चौपडा लग रही है।
तभी मोना के घर की डोर बेल फिर बजती है,,, मोना फुसफुसाती हुई ‘’अब कौन आ गया!’’ क्यूंकि उसे अब दीप के आने की उम्मीद नहीं बची थी। मोना गेट खोलने जाती है और जैसे ही वो गेट खोलती है, देखती है सामने दीप खड़ा है। मोना दीप को देख कर ऐसे खुश होती है जैसे कोई खोई हुई बहुत कीमती चीज मिल गई हो।
दीप खड़ा हुआ मुस्कुराता है और मोना बोलती है ख़ुशी से गदगद हंसती हुई ‘’दीप,,, तुम आ गये!!’’
दीप मुस्कुराता हुआ ‘’क्यू, क्या लगता है मोना डार्लिंग!’’
मोना दीप का हाथ पकड़ कर अन्दर खींचती है और गेट बंद करके दीप को बिलकुल जकड कर गले लगाती है, जैसे बिछड़े प्रेमी से बरसो बाद मिली हो!
गले लगे –लगे मोना पूछती है ‘’दीप तुमने आने में इतनी देर क्यूँ लगा दी!! कहाँ रह गये थे! मैं तो सोच रही थी की तुम आओगे नहीं आज इसीलिए लेने आ रही थी मैं तो तुमको।‘’.
दीप लिपटे हुए ही- ‘’रवि के घर से आने वाले थे ना तुम्हारे यहाँ पर, इसीलिए नहीं आया।‘’
मोना चौंकती है और गले मिलना छोडती है और दीप का हाथ पकड़ कर पूछती है- ‘’तुमको पता था की वो आयेंगे!’’
दीप- ‘’हाँ,, कल शाम को मैं उनके घर पर था ना तो मुझे पता चल गया था की वो लोग तुम्हारे घर आयेंगे।‘’
मोना अपने सर पर हाथ मारते हुए- ‘’और मैं पागल, क्या–क्या सोच रही थी!!‘’
दीप – ‘’क्या सोच रही थी!’’
मोना ‘’कुछ नहीं,, चलो चलते है,,’’
तभी मोना की भाभी भी आ जाती है, वो भी विद्या बालन की तरह सेक्सी लग रही है, उसने लाल रंग की साडी पहनी हुई है, और ब्लाउज से उसके बड़ी-बड़ी चूची फाड़ कर निकलने को तैयार है, और बोलती है दीप को देख कर ‘’अरे दीप,, आ ही गए आखिर,,!’’
दीप मोना की भाभी को देख कर सकपका जाता है, की इसे भी पता है क्या मैं आने वाला हूँ!
दीप डरे मन से ‘’भाभी नमस्ते,,!’’
मोना की भाभी ‘’नमस्ते, नमस्ते, मोना को रुलाने के बाद आये हो तुम तो’’
दीप कुछ समझ नहीं पा रहा है की भाभी क्या क्या बोल रही है, वो घबराते हुए मोना की तरफ देखता है, मोना दीप की तरफ देखती है, मोना सामझ जाती है दीप की कशमकश, तो वो दीप का हाथ पकड़ दीप से बोलती है- ‘’जानू भाभी को सब पता है हमारे बारे में, तुम टेंशन मत लो,, ।‘’
तभी मोना की भाभी बिलकुल पास आ जाती है दीप के, और दीप के दोनों हाथ पकड़ लेती है, मोना की भाभी दीप से लम्बाई में हलकी सी छोटी है, दीप के बिलकुल सामने कड़ी हो जाती है, मोना की भाभी की बड़ी बड़ी चूचिया दीप के सीने से टच हो जाती है, मुंह बिलकुल दीप के मुंह के पास ही है बस थोडा सा ही अंतर है, और मोना की भाभी बोलती है तो उसकी गरम साँसे दीप के होंठो तक आ रही है, मोना की भाभी बोलती है ‘’दीप, डरो मत, मुझे सब पता है, लेकिन मैं किसी को नहीं बताउंगी, मोना दीदी तो मेरी दोस्त है और तुम भी मुझे अपना दोस्त ही समझो, वो भी ख़ास.. ।‘’
इतना बोलकर मोना की भाभी थोडा दूर हो जाती है, मोना फिर दीप का हाथ पकड़ लेती है और बोलती है ‘’आओ चलो रूम में चलते है,,,’’
तो मोना की भाभी बोलती है ‘’दीदी मेहनत करनी है आज दीप को, तो नाश्ता और दूध पिला दो, ताकि ताकत आ जाये,,’’
मोना ‘’हाँ भाभी, आप नाश्ता लेकर आओ, और मैं बैठाती हूँ इनको,,’’
तो दीप बोल पड़ता है ‘’नहीं,नहीं,,, मैं नश्ता करके आया हूँ घर से,, अभी कुछ नहीं खाना मुझे,, ‘’
तो मोना की भाभी बोलती है ‘’दूध तो पी लो कम से कम, या सीधा मोना का दूध ही पियोए!’’ और शरारत से हंसती है।
भाभी फिर बोलती है ‘’मोना ने तुम्हारे लिए इतने प्यार से नाश्ता बनाया है, कुछ तो ले लो!’’
मोना बोल पड़ती है अपनी भाभी से ‘’भाभी आप बस दूध ले आओ, अभी तो दीप शाम तक है हमारे साथ।‘’
तो मोना की भाभी बोलती है- ‘’हाँ ये भी ठीक है, वैसे भी काम करने के बाद तो भूख जोर की लगेगी हम सबको।‘’ फिर शरारत से हंसती है ।
मोना दीप का हाथ पकडती है और ऊपर भाभी के रूम में ले चलती है दीप को ‘’चलो दीप,,,’’
जाते हुए मोना अपनी भाभी के कान में ‘’भाभी, खिड़की से देखती रहना और लगे तो कुछ मदद करने आ जाना।‘’
भाभी ‘’अरे ये भी कोई कहने की बात है! बिलकुल आउंगी, तुमको सीखना तो पड़ेगा ही.. ।!’’
मोना फिर अपनी भाभी से ‘’ठीक है तो भाभी हम जा रहे है ऊपर’’
मोना की भाभी- ‘’ठीक है जाओ और मजे करो फिर मैं आउंगी..’’
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मोना दीप को ऊपर रूम में ले आती है, और दीप को बेड पर बैठा देती है।
दीप मोना से पूछता है – ‘’मोना, तुम्हारी भाभी को कैसे पता चला हमारे बारे में!1’’
मोना ‘’उन्होंने देख लिया था हमें उस दिन रूम में,, और कोई डरने की बात नहीं है, जो हुआ अच्छा हुआ, उनके सपोर्ट से ही तो आज ये मौका आया है, वर्ना मुझे भी राजिस्थान जाना पड़ता। तुम घबराओ मत भाभी बहुत अच्छी है। प्यारी भी है,, है ना!!’’
मोना अलमारी से एक CD निकालती है और टीवी चालू करती है, फिर CD प्लेयर में CD लगाती है, दीप ये सब देख रहा है और पूछता है – ‘’कौनसी फिल्म लगा रही हो!’’
मोना रिमोट से चालू करती हुई ‘’तुम्हारी ट्रेनिंग की फिल्म, ब्लू फिल्म..’’
मोना बोलती हुई फिल्म चालू कर देती है, और मोना रिमोट हाथ में लेकर दीप के पास कूद कर बैठती है बेड पर, और फिल्म चालू हो जाती है, फिल्म चलने लगती है आगे बढ़ने लगती है, मोना बोलती है दीप से ‘’दीप बिलकुल ऐसे ही करना है तुमको,,,’’
दीप फिल्म देखते हुए हाँ में सर हिलाता है,
मोना की भाभी दूध ले कर आ जाती है और ब्लू फिल्म चलती हुई देख कर बोलती है ‘’क्या बात ट्रेनिंग चल रही है!! दीप,, मैंने ही ये CD और आइडिया दिया है तुम्हारी मोना को.. ।‘’
दीप बस देखता है भाभी की तरफ कुछ बोलता नही। तो भाभी फिर बोलती है ‘’ये दूध सेक्स करने के बाद पीना अब, तुरंत नहीं पीते।‘’
मोना ‘’ठीक है भाभी रख तो मैं पिला दूंगी बाद में दीप को… ।‘’
भाभी- ‘’ठीक है, मैं बहार ही हूँ, जरुरत हो तो आवाज दे देना।‘’
मोना ‘’ठीक है भाभी, दरवाजा खुला ही है’’
मोना की भाभी दूध रख कर बाहर चली जाती है। और दरवाजा हल्का सा बंद कर देती है।
-*****-
भाभी कमरे से बाहर चली जाती है, ब्लू फिल्म चल रही है।
बेड पर पीछे तकिया लगा कर दीप के साथ पैर फैला कर बैठी मोना दीप के लंड पर हाथ रखती है और देखती है की दीप का लंड खड़ा हो गया है, ब्लू फिल में लड़का सेक्स से पहले लड़की के साथ फॉर प्ले(सेक्स से पहले की हरकत) कर रहा है, मोना फिर फिल्म को थोडा आगे निकालती है और जहाँ से लड़का लड़की की चूत में लंड डालता है वहां से चालू कर देती है, फिर मोना कहती है दीप की और देख कर ‘’दीप, आ गया समझ में कैसे करना है ! कैसे अन्दर डालना है!!’’
दीप मोना की ओर देख कर बोलता है ‘’हाँ,, आ गया।‘’
मोना से अब बर्दाश नहीं हो रहा है, मोना रिमोट से टीवी बंद कर देती है, और बेड से नीचे उतर जाती है, और अपना सूट उतारती है, दीप मोना को देखता रहता है एकटक,, फिर मोना अपनी सलवार उतारती है और बेड पर घोड़ी बनती हुई दीप के ऊपर गिर जाती है और दीप की शर्ट के बटन खोलने लगती है, दीप की शर्ट उतारने के बाद वो उसकी सेंडो बनियान उतरती है, फिर दीप की पेंट उतरती है, और दीप के ऊपर गिर जाती है और उसके होंठो को चूसने लगती है।
दीप नीचे है और मोना ऊपर है, दीप दोनों हाथो से मोना की कमर पर हाथ फेरता हैऔर मोना की ब्रा के हुक खोल देता है, मोना मुस्कुराती है और अपनी ब्रा उतार देती है।
अब मोना नीचे आ जाती है और दीप ऊपर आ जाता है मोना के, मोना और दीप दोनों ही एक दुसरे के होंठो को चूम रहे है, चाट रहे है, अब मोना दीप से कहती है ‘’दीप नीचे चूचियों पर’’
दीप फिर नीचे की और होता है और जिस ब्लू फिल्म में देखा था वैसे ही मोना की चूची का निप्पल पीने लगता है, फिर दूसरी चूची का निप्पन पीने लगता है, मोना तड़पने लगती है, फिर मोना आंखे बंद करके तड़पते हुए बोलती है ‘’दीप नीचे जाओ अब चूत की तरफ ‘’
दीप फिर चूत की तरफ जाता है, उअर मोना की पेंटी जो लाल रंग की है जाली वाली उसे उतार देता है, और देखता है मोना की चूत एक दम गोरी और कासी हुई है, बहुत ही मामूली लकीर है छेड़ की तरफ उसमे, मोना का छेद दिखाई नहीं दे रहा है, क्यूंकि मोना की चूत एक दम कोरी है, और उसकी सील अभी अक नहीं टूटी है।
फिर दीप जैसा उसने ब्लू फिल्म में देखा उसी तरह से मोना ने पैर उठता है और मोना की चूत हाथो से खोल उसमे अपनी जीभ की नोक घुसा देता है, मोना तड़पती है और दीप के बाल नोचने लगती है, दीप जीभ से चाटे जा रहा है, चाटते हुए उसे चूत का स्वाद नमकीन लग रहा है, फिर मोना और ज्यादा तड़पती है और बोलती है तड़पते हुए ‘’दीप अब बर्दाश नहीं हो रहा है अपना लंड डाल दो मेरी चूत में’’
दीप ऐसा ही करता है वो अपना अंडर वियर उतारता है और उसका लंड जो है वो खड़ा हुआ है, पूरा अकड़ा हुआ है और वो गुठनो के बल बैठता है, मोना की टाँगे फैलता है और मोना घुटने से टंगे मोड़ लेती है, और चूत में लंड डालता है, लंड फस कर जा रहा है मोना उछल रही है, और थोडा सा अन्दर जाते ही पीछे होए जा रही है, जैसे हो थोडा सा लंड फिर अन्दर जाता है मोना की चूत दुखती है और वो झटक कर फिर पीछे हो जाती है और लंड निकल जाता है, मोना- ‘’दीप नहीं जा पा रहा है, बहुत दुखन हो रही है,,,’’
दीप कहता है ‘’तुम पीछे तो हो जाती हो बार बार, थोडा सा जाता है और तुम निकाल देती हो..’’
मोना ‘’फिर कोशिश करो’’
तभी भाभी गेट खोल अन्दर आती है, क्यूंकि भाभी सब बाहर से ही देख रही थी, क्यूंकि मोना और भाभी की पहले ही बात हो चुकी थी इसीलिए मोना ने अन्दर से गेट नहीं लगाया था और भाभी अन्दर आ जाती है,
दीप चौंकता है क्यूंकि वो नंगा है, और भाभी उसे रिलेक्स करते हुए, ‘’दीप तुम करो और घुटनों के बल नहीं पैर फैला कर बैठो’’ (भाभी दीप की टांगो की एक एक करके पोजीशन ठीक करती हुई)
फिर भाभी मोना की पोजीशान सेट करती है, मोना के दोनों पैर दीप के दोनों कंधो पर रखवा देती है, दीप चूतड के बल बैठा हुआ है और उसके दोनों पैर मोना के दोनों तरफ है।
भाभी दीप से कहती है कि, मोना की दोनों टंगे पकड़ लो जन्घो से और फिर चूत में लंड डाल दो,,
दीप देखता है इस पोजीशन में, कि चूत बिलकुल साफ़ दिखाई दे रही है और छेद भी थोडा दिखाई देने लगता है, दीप भी गर्म हो रहा है तो वो सीधा मोना की चूत में एक दम से लंड अन्दर कर देता है, चूत में लंड जाते ही मोना उछल पड़ती है और दर्द से चिल्लाती है भाभी ने भी उसे पकड़ रखा है और दीप ने भी उसकी टाँगे पकड़ रखी है, लेकीन दीप के लंड के टोपे पे भी रगड़ लगती है चूत में जाते ही तो वो भी मचल रहा है, मोना की भाभी कहती है दीप से ‘’दीप धक्के मारो’’ तो दीप अपने चूतडो को कमर के साथ हिलाने की कोशिश करता है आगे पीछे, तो उसे गुदगुदी होती है लंड पर, और धक्के लगते ही मोना कहती है दर्द से तड़पती हुई ‘’भाभी निकलवा दो लंड, दीप निकाल दो लंड बहुत दर्द हो रहा है।’’ तो दीप भी अपना लंड मोना की चूत में से निकाल देता है और जैसे ही चूत में से लंड निकालता है तो मोना की चूत से खून धीरे धीरे रिसने लगता है और दीप के लंड पर भी खून लगा हुआ है, दीप डर जाता है और बोलता है ‘’खून निकल रहा है ये तो..!’’
तो मोना की भाभी कहती है – ‘’अरे दीप तुमने लंड बाहर क्यूँ निकाल दिया!!! ये तो नार्मल है पहली बार में खून निकलता ही है, ये तुम्हारा नहीं मोना दीदी का है, और दीदी क्यूँ तुम इतना ड्रामा कर रही हो!! पहली बार में सबके होता है दर्द। दीप तुम डालो दोबारा।‘’
दीप ‘’भाभी गुदगुदी लग रही है मेरे भी।‘’ तो भाभी बोलती है- ‘’अरे डीप पहली बार में होता है ये, फिर ठीक हो जायेगा आदत पड़ जाएगी,, तुम डालो दुबारा।‘’
दीप अपना लंड पकड़ कर दोबारा मोना की चूत में लंड डालता है और जैसे ही दोबारा मोना की चूत में लंड जाता है वो फिर दर्द से उछल पड़ती है। तो मोना की भाभी बोलती है ‘’दीप अब मत निकालना लंड बाहर,, अब लेट जाओ मोना के ऊपर और धक्के लगाते रहो जैसे तुमने विडियो में देखा था।‘’
दीप ऐसा ही करता है और मोना की भाभी दीप की हेल्प करती है, मोना की भाभी मोना की टाँगे उठाकर दीप की कमर पर रखती है, और दीप अपनी दोनों टांगो को मोड़ कर मेंढक की पोजीशन में आ जाता है और मोना के ऊपर गिर कर धक्के लगाने लगता है, मोना दर्द से आँखे बंद करके मुंह बना रही है और आह्ह,, आह्ह,, की आवाजे निकाल रही है।
मोना की भाभी बोलती है दीप से- ‘’थोडा लम्बे-लम्बे धक्के लगाओ दीप,,, अपनी कमर पूरी उठाओ और पूरी नीचे करो, और मोना की दोनों चूचियां पकड़ लो अपने हाथो से और जोर-जोर से जान लगा कर दबाते भी रहो।‘’
दीप ऐसे ही करता है, वो लम्बे धक्के लगता है तो मोना और ज्यादा दर्द से आवाज निकालती है और साथ में मोना की चूचियां दबाता है, मोना की चूची कट कट बोलती है, दीप धक्के मारते हुए मिसमिसा रहा है और उस कारण से मोना की चूचियां भी उससे बहुत तेज दब रही है, मोना की चूत में लंड अन्दर तक जा रहा है, मोना मचल रही है, दीप तेज-तेज धक्के लगा रहा है, मोना को अब दर्द के साथ मजा भी आने लगता है, वो दीप को जकड लेती है पनव दोनों हथो से पूरी जान से,,, और मचलने लगती है,,, दीप लगातार धक्के लगाए जा रहा है और अब उसे भी मजा आ रहा है, और वो जोर जोर से धक्के लगा रहा है,,,
मोना की भाभी देखती है की अब काम सही हो रहा है तो वो बोलती है- ‘’शाब्बाश दीप, बहुत बढ़िया,, । लगे रहो ,, ।‘’
मोना अब झड़ने वाली है तो वो भी दीप के धक्के के साथ अपनी कमर ऊपर नीचे करने की कोशिश कर रही है, तो मोना की भाभी समझ जाती है और वो दीप को बोलती है ‘’दीप और तेजी से मारो धक्के, फाड़ दो मोना की चूत आज,, ।‘’
दीप और तेजी से धक्के लगाने लगता है और मोना झड जाती है तो वो और तेजी से दीप को जकड़ने लगती है पूरी जान लगा कर, और दीप की पीठ पर नोच लेती है तड़पती हुई,, दीप का शरीर गर्म है इसीलिए उसे नोचने का अहसास तो नहीं होता है, और वो लगातार धक्के मार रहा है मोना की चूत में।
अब मोना ठंडी पड़ जाती है लेकिन दीप धक्के लगातार मार रहा है,,, मोना अपनी पकड़ दीप पर ढीली कर देती है, लेकिन दीप लगातार धक्के मारे जा रहा है।
तभी मोना की भाभी बोलती है दीप से – ‘’दीप थक गए क्या!!’’
दीप पसीने-पसीने हो रहा है और उसके पसीन मोना के नंगे बदन पर गिर रहे है और मोना भी पसीने-पसीने हो रही है।
दीप की साँसे फूल रही है, वो हांफता हुआ बोलता है ‘’हाँ भाभी’’
तो मोना की भाभी बोलती है ‘’बस करो निकाल लो लंड बाहर,,मोना की चूत में से’’
दीप धक्के मारना बंद करता है और अपना लंड बाहर निकालता है, जैसे ही अपना लंड बाहर निकालता है तो मोना की चूत में से खून मोना के झडे हुए पानी के साथ रिसते हुए बाहर निकलने लगता है,,, मोना की चूत लाल पड़ चुकी है बिलकुल, और दीप के लंड का तोप भी पूरा लाल हुआ पड़ा है, दीप का लंड अभी भी बिलकुल अकड़ा हुआ टाईट और कसा हुआ है।
मोना की भाभी बोलती है ‘’दीप का लंड तो अभी भी खड़ा हुआ है,,,’’
दीप उठकर बैठता है और हाँफते हुए अपना अंडर वियर ढूंढता है, तो मोना की भाभी पकडाती है उसे उसका अंडर वियर ‘’लो पहन लो’’
दीप अंडर वियर पहनता है, और बनियान पहनता है, मोना बिलकुल अचेत पड़ी है, उसमे उठने की ताकत नहीं बची है, दीप भी अब मोना के बगल में लेट जाता है।
मोना की भाभी ‘’दीदी,, थक गई तुम तो बिलकुल,,’’
मोना कुछ नहीं बोलती बस आँखे खोल कर भाभी की तरफ देखती और आँखे बंद कर लेती है।
भाभी दीप को दूध उठाकर देती है- ‘’दीप, लो दूध पी लो और थोडा आराम कर लो, फिर तुमको मेरे साथ भी करना है,,’’
दीप उठ कर दूध लेता है भाभी के हाथो से और पीने लगता है।‘’
भाभी ‘’आराम करो मोना दीदी के साथ थोडा मैं नाश्ता लेकर आती हूँ तुम दोनों के लिए, मोना ने भी कुछ नहीं खाया और तुमने भी काफी महानत कर ली है।‘’
ये कह कर भाभी कमरे से बाहर चली जाती है।